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पहली मुलाकात

Chapter - 2

तभी अचानक से आसमान से बारिश की बूंदे गिरने लगी जिसे देख सभी जल्दी में भागने लगते हैं वो बिना नीचे देख उस लड़की के ऊपर अपने पत्थर जैसे पैर रख कर भाग रहे थे उस लड़की को दर्द की वजह से आह निकल जाती है और आंखों से आंसू छलक उसके गाल पर आ जाते हैं ये देख ताई जोंग उसे पलट कर नीचे कर देता है और खुद ऊपर आ जाता है अब सारे वासी उसके ऊपर से जा रहे थे l

ये दृश्य उसके सभी दोस्त खड़े देख रहे थे ताई उस लड़की को देखते - देखते उसके आँखों से अपने आप ही आंसू की आने लगता है वो उस लड़की को बहुत ध्यान से देख रहा था और वो लड़की भी उसके मुँह पर बंधा कपड़ा भी खुल गया और उसके खूबसूरत चेहरे को देख ताई अपनी नजर हटा ही नहीं पाया उसे एक सुकून मिल रहा था l

तभी सिमी ने आवाज लगाई - ताई जल्दी बारिश से इधर आओ l लेकिन उसे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था उसके आँखों से आंसू छलक कर उस लड़की के ऊपर गिर रहे थे और साथ ही उसका दिल भी धडक रहा था l

उसके आंसू उस लड़की के सीने पर जब गिरता है तो उसके सीने में एक दर्द होता है वो लड़की चीखती है - आऊ l

ताई उसकी आवाज़ सुन उठता है और चिंता जताते हुए कहता है - क्या हुआ तुम ठीक हो न l

वो उठती है और कहती है - हाँ

तभी अनाया उसके पास आती है और उससे कहती है - शिद्दत तुम ठीक हो न l

शिद्दत अनाया को देखते हुए - हाँ मैं बिल्कुल ठीक हूँ बस थोड़ी सी चोट आयी है l

अनाया - चलो अंदर अपने कपड़े बदलो देखो कितने गंदे हो गये हैं अनाया उसका हाथ पकड़ उसे ले जाने लगती है ताई उसे जाते हुए देख रहा था और शिद्दत भी उसे देख रही थी जब तक वो ओझल नहीं हो गये l

ताई अपने गाल पर आए आंसुओं को पोछने लगा और सोचने लगा - मेरे आँखों से ये अश्रुधारा क्यों बह रही है उस लड़की को देख l

उसके सभी दोस्त उसके पास आए और उसे उठाया और उसके कमरे में ले गए वो अपने कपड़े बदल रहा था सिमी ने कहा - मानना पड़ेगा वो लड़की अपनी राजकुमारी से तो बहुत सुन्दर है l

जियोन - हाय मेरा दिल ले गई l

जोंग ने कहा - सही कहा तुमने मुझे तो उससे प्यार हो गया है l

तभी ताई ने आते हुए उनके पास बैठते हुए कहा - ऐसे कैसे प्यार हो गया ऐसे थोड़े होता ही होता है प्यार l

जियांग - तो तुम्हीं बता दो कैसे होता है प्यार हम भी सीख लें l

ताई ने कहा - उसके लिए जन्मों जन्म लग जाते हैं सदियों एक ही इंसान से प्यार कर उसका इन्तेज़ार करना पड़ता है जो हर कोई नहीं कर पाता l

सिमी - अच्छा जी तब तो हमें इतना इन्तेज़ार नही करना l

जियांग - मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि तुम सदियों से इन्तेज़ार कर रहे हो कब खत्म होगा तुम्हारा इन्तेज़ार l

ताई ने उठते हुए कहा - समझ लो खत्म ही हुआ l

उसने उस लड़की के बारे में सोचते हुए कहा उसका चेहरा बार - बार उसके आँखों के सामने आ रहा था l

जियांग - मतलब हमारा पत्ता कट l

शिद्दत कपड़े बदलकर बाहर आती है सभी खाने के कक्ष में जा रहे थे जैसे ही वो अपने कमरे से ही वो दरवाजा खोलने की कोशिश करती है दरवाजा खुलता ही नहीं किसी ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया था l

सभी कतार में खाने के लिए बैठे थे वहाँ पर tae और उसके सभी दोस्त और अन्य विद्यार्थि भी थे अनाया भी बैठे गुरु जी से बात कर रही थी और वो सभी लड़कियाँ एक दूसरे से बात कर रही थी एक ने कहा - तुमने अच्छे से दरवाजा बंद किया न l

दूसरी ने कहा - हाँ मैंने अच्छे से बंद कर दिया है तुम चिंता न करो l अब चुप रहो इस बारे में अब कोई बात नहीं करेगा सब खाना खाने लगी अनाया जहां बैठी थी वहीँ ताई, सिमी, जियांग और कुछ सीनियर बैठे थे l

सिमी ने कहा - आप को यहां कोई परेशानी तो नहीं न हो रही है l

अनाया मुस्कराते हुए बोली - जी नहीं सब बहुत बढ़िया है l

अनाया के चेहरे पर एक डर और परेशानी के भाव नजर आ रहे थे ताई ने पूछा - कोई बात है l

अनाया ने हैरानी से कहा - जी

ताई - तुम कुछ परेशान लग रही हो क्या बात है l

अनाया ने हड़बड़ी मे कहा - क... क... कुछ नहीं... वो अभी तक शिद्दत नहीं आयी उसी का इंतजार कर रहे हैं l

सिमी - हाँ काफी देर हो गई है अभी तक नहीं आयी l

अनाया - मैं उसे लेकर आती हूँ l

वो जैसे ही उठने लगी ताई ने कहा - तुम बैठो मैं उसे लेकर आता हूँ l

इधर शिद्दत ने कहा - अब बस एक ही रास्ता है l

जैसे ही ताई उठने लगा सामने देखा शिद्दत आ रही है वो आकर अनाया के पास बैठ जाती है और वो लड़कियां उसे देख हैरान थीं गुरु जी ने शिद्दत को देख मुस्कुराये शिद्दत भी मुस्करा दी l

तभी उन ल़डकियों में से एक लड़की ने कहा - गुरु जी आप ऐसा नहीं कर सकते हैं आप इसे इतना सम्मान क्यों दे रहे हैं जैसे राजकुमारी यही हो आप हमारे साथ इतने अच्छे से कभी पेश नहीं आए l

सभी उस ओर देखने लगे गुरु जी जैसे ही बोलने को हुए शिद्दत ने उन्हें रोक दिया और कहा - हाँ ये सही कह रही हैं मैं एक साधारण लड़की हूँ मैं जाती हूँ l

शिद्दत उठी और वहाँ से चली गई अनाया उठने लगी तो गुरु जी ने उसे इशारा करके बैठने को कहा ताई उसे जाते हुए देखता रहा लेकिन उसके दोस्तों को बहुत गुस्सा आ रहा था सिमी - ये जब भी मुँह खोलती है कडवा ही बोलती है l

हूँ... वो मुँह बनाकर चली गई l

कुछ देर बाद अनाया शिद्दत के कमरे में आती है तो देखती है वो बैठी है अनाया उसके पास आयी और कहा - कितनी बदतमीज हैं यहां की राजकुमारीयाँ उन्होंने तुमसे कैसे बात की मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा l

शिद्दत - नहीं वो बदतमीज नहीं है उनका स्वभाव उनसे ऐसा करवा रहा है समाज के नियम उससे ऐसा करवा रहे हैं भेदभाव ही है उसी से वो तय कर रहीं हैं कि कौन साधारण है और कौन असाधारण l

अनाया - लेकिन अब मुझसे ये नाटक और नहीं होगा तुम उन्हें बता दो अपनी सच्चाई की तुम कौन हो और मैं कौन हूँ शिद्दत - नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती मुझे पहले उस बारे में पता लगाना है जो मैं पता लगाने आयी हूँ क्या वो सत्य है या झूठ l

जब उसने अनाया की ओर देखा तो अनाया नहीं थी शिद्दत ने कुछ सोचा और कहा - अरे नहीं l

वो बाहर भागने लगी उसने खुद से कहा - कहाँ गयी कहीं वो उस राजकुमार के पास तो नहीं l

वो जल्दी से उसका कमरा ढूँढने लगी अनाया ताई के कमरे का दरवाजा खटखटाती है उसका दरवाजा खुला था वहाँ पर उसके सभी दोस्त भी बैठे थे ताई ने देखा और कहा - अंदर आओ l

अनाया अंदर जाती है और कहती है - मुझे कुछ बताना है l.

ताई ने उठते हुए कहा - हाँ बोलो l

सभी उसके सामने हाथ बांधे खड़े हो जाते हैं अनाया ने कहा - वो शिद्दत एक राज... वो आगे कुछ बोल पाती उससे पहले शिद्दत ने कहा - अनाया तुम यहाँ हो मैं तुम्हें कबसे ढूंढ रही हूँ l

अनाया के साथ सभी उसकी ओर देखने लगे शिद्दत कमरे आ जाती है और अनाया से कहती है - तुम्हें पता नहीं सुबह तुमको जल्दी उठना है शास्त्र विद्या के लिए जाना है l

शिद्दत ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लेकर चली गई l

जियांग - ये कुछ अजीब नहीं है l

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