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जिस दिन तुम्हें प्यार होगा उस दिन पता चलेगा कि इंतजार क्या होता है l

Chapter - 3

अगली सुबह...

सारे विद्यार्थी प्रशिक्षण मैदान में खड़े होकर अभ्यास कर रहे थे सभी को एक साथ शिक्षा दी जा रही थी अनाया भी अभ्यास कर रही थी और शिद्दत खड़े होकर देख रही थी वो लड़कियां उसे परेशान करने के लिए फिर से उसके पास आयीं उनमे से एक ने कहा - तुम यहाँ क्या कर रही हो l

दूसरी ने कहा - ओह तुम जरूर से राजकुमारी अनाया की दासी होगी इसीलिए उसकी देखभाल के लिए यहां हो है न l

शिद्दत ने मुस्कुराते हुए कहा - आप जैसा समझ लीजिए l

उसकी मुस्कराहट से ही उन ल़डकियों का दिल जल उठा l

ताई ने शिद्दत से कहा - क्या तुम सिर्फ देखने आयी हो या अभ्यास करने आयी हो l

शिद्दत ने कहा - जी मैं... l

ताई ने उसकी बात सुनने से पहले ही उसकी ओर तलवार फेंक दिया शिद्दत ने उसे पकड़ लिया ताई ने कहा - आओ मेरे साथ तलवारबाजी करो l

शिद्दत ने कहा - लेकिन मुझे तलवार बाजी नहीं आती l

ताई - मैं सिखाता हूँ न आओ l

सिमी - हाँ हाँ सीख लो हमारा दोस्त जल्दी किसी को अपने साथ ऐसी चुनौतियां नहीं देता और ल़डकियों को तो बिल्कुल भी नहीं l

शिद्दत ने उन ल़डकियों को अनदेखा किया और ताई के पास आकर खड़ी हो गई और उससे कहा - लेकिन मुझे सच में तलवार बाजी नहीं आती है आप मेरा यकीन करें l

ताई ने कहा - कहीं तुम झूठ तो नहीं न बोल रही हो l

तभी उन ल़डकियों में से जिसका नाम लुई था ताई के पास आयी और कहा - ताई क्यों इस दासी के पीछे पड़े हो मेरे साथ ये चुनौती कर लो देखना हम ही जीतेंगे l

ताई ने उसकी तरफ देखा भी नहीं और शिद्दत से कहा - मैं सिखाता हूं तुमको l

और लुई को नजरअंदाज कर शिद्दत के पास आ जाता है वो उसके पीछे खड़े होकर शिद्दत के तलवार पकड़े हुए हाथ को अपने हाथ से पकड़ता है जैसे ही उसके हाथ को पकड़ता है उसके दिल की धड़कने बढ़ जाती है l

वो गहरी साँस लेता है शिद्दत थोड़ा सर घुमाकर उसकी ओर देखती है - क्या हुआ?

ताई ने सर न में हिला दिया शिद्दत आगे तलवार को देखने लगी ताई उसे तलवार चलाना सिखाने लगा शिद्दत के बाल उसके चेहरे के ऊपर जा रहे थे l

जिससे उसको आगे देखने दिक्कत हो रही थी लेकिन शिद्दत का ध्यान अपनी तलवार पे था ताई को उसके बालों की खुशबु उसे बेकाबू कर रहे थे वो उससे दूर हटता है शिद्दत मुड़कर उसे देखती है और हैरानी से पूछती है - क्या हुआ,,,, वो... देखा न हमने कहा था न कि हमें ये तलवार बाज़ी नहीं आती,,,, उसने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा l

हमने सिर्फ आपका समय खराब किया हम जा रहे हैं, " शिद्दत ने तलवार उसके हाथ में दी उसने अपने लंबे बालों का जुड़ा बना लिया और जाने लगी " l

तभी अचानक ताई ने उसके कमर में अपना दायां हाथ रखता है और बाया हाथ उसकी पीठ पर रख उसे लेकर तेजी से घूम जाता है शिद्दत उसे हैरानी से देख रही थी उसके बाल लहराते हुए खुल जाते हैं l

ताई उसे ही देख रहा था शिद्दत ने कहा - क्या कर रहे हो l

तभी अचानक से एक तीर आकर जहाँ शिद्दत खड़ी थी वहाँ गिरता है सभी पीछे हट जाते हैं शिद्दत और ताई दोनों तीर को देखते हैं अनाया शिद्दत के पास आती है और उससे कहती है - तुम ठीक तो हो न l

ताई ने उसे छोड़ दिया सिद्दत ने हाँ में सर हिला दिया शिद्दत ने कहा - हाँ... हम तो ठीक हैं... लेकिन ये तीर कहाँ से आया l

सिमी ने तीर को देखते हुए कहा - ये तीर किसने चलाया होगा और किसके ऊपर चलाई होगी l

ताई - यहां पर जिसके ऊपर भी चलाई होगी हमें सतर्क रहना होगा और ये संदेश कोई जाकर गुरु जी को देकर आओ l एक सेवक दौड़कर जाता है l

तभी कुछ काले बड़े - बड़े पछी उड़कर उनके सामने आकर बैठ जाते हैं उसमें से जो उनका जो राजा था वो अपने असली रूप में आता है तो सभी देख डर जाते हैं सिवाय ताई उसके दोस्तों और कुछ योद्धाओं को छोडकर लुई अपनी सभी दोस्तों के साथ अंदर भाग जाती है l

सिमी कहता है - सभी पीछे हटो l

अनाया शिद्दत पीछे चली आती हैं सभी उनसे लड़ने लगते हैं बहुत ही भयंकर युद्ध हो रहा था लेकिन कोई भी जीत का फैसला नहीं कर पा रहा था तभी अचानक से हवा में लहराते हुए एक आवाज आयी - ऐसे युद्ध करोगे तो कोई भी न ही जीत पायेगा न ही कोई हार पायेगा आओ हमसे युद्ध करो हमसे जीत कर दिखाओ l

सभी ऊपर की ओर देखते हैं तो वहाँ पर एक लड़की लाल रंग के लहराते कपड़े में खड़ी थी जिसके गोरे बदन लंबे काले घने बाल सिर पे एक छोटा सा हीरे का ताज मुँह पर बंधा एक लाल कपड़ा दोनों हाथ की कलाई में चांदी का bracelet पैर में सुन्दर सा सोने का पायल l

सुन्दर आंखे और आवाज में एक मिठास सभी काले पछी उसकी ओर आते हैं वो कहती है - देख क्या रहे हो आओ l

उस लड़की के अंदर से एक बहुत ही प्यारी सी महक आ रही थी जिससे वो सारा इलाक़ा महक उठता है जहां एक ओर वो महक इंसानों को प्यारी लग रही थी तो वहीँ दूसरी तरफ उन काले पंछियों को वो महक मदहोश कर रही थी l

सारे पंछी उस महक से मरकर गायब हो रहे थे और उनका सरदार ये सब देख गुस्से से गायब हो जाता है l

फिर वो लड़की भी अदृश्य हो जाती है ताई शिद्दत को ढूंढ कबीले के अंदर ढूँढ रहा था वो उसके कमरे के पास जाता है और तभी दरवाजा खुलता है ताई देखता है कि वो शिद्दत है शिद्दत उसे देख कहती है - आप यहाँ l

तुम ठीक हो न तुम यहाँ क्या कर रही हो, ताई ने घबराते हुए पूछा तो शिद्दत ने कहा - मुझे डर लग रहा था इसलिए मैं यहां चली आयी क्या वो पंछी चले गए l

हाँ वो तो चले गए, ताई ने उसकी तरफ देखते हुआ l

अचानक से ताई उसको देखते देखते अपने कदम उसकी ओर बढ़ाने लगा शिद्दत ने देखा कि ताई उसकी तरफ बढ़ रहा है तो उसने अपने कदम पीछे करने लगी l

डरते हुए कहा - आ... आ... आप मेरी तरफ क्यों... बढ़ रहे हैं l

लेकिन ताई को कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था शिद्दत पीछे हटते हुए दीवार से जा लगी ताई उसकी आँखों में देखना लगा शिद्दत उसे अपनी बार - बार पलकें झपकाए देखे जा रही थी l

ताई ने उसके गले को देखा और और हाथ से छू कर कहा - ये तुम्हें चोट कैसी लगी l

शिद्दत के गले में एक लाल चोट के निशान बने हुए थे ताई ने उसे देखते हुए कहा - कैसे लगी ये चोट?

शिद्दत ने अपनी पलकें झपकाई और कहा - ये.. ये.. चोट..

वो दूसरी तरफ चली गई l

सिद्दत - ये चोट बस.. वो.. एक कांच लग लग गया था हल्की सी चोट है जल्दी ही ठीक हो जाएगा l

ताई ने उसकी तरफ देखा और उसे अपनी तरफ कर खुद के करीब कर उसकी आँखों में देखते हुए कहता है - मैं सबका झूठ एक पल में पकड़ लेता हूँ और मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि तुम मुझसे झूठ बोल रही हो l

सिद्दत को थोड़ा गुस्सा आ जाता है वो गुस्से में कहती है - हाँ मैं झूठ बोल रही हूँ तो आपको क्या आप है कौन हमसे ये पूछने वाले छोड़ों हमें हम आपको नहीं जानते l

ये कह्ते हुए उसके आँखों से अपने आप ही आंसू छलक कर उसके गाल पर आ रहे थे l

ताई ने अपनी आंखें बंद कर ली और उसे छोड़ दिया उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने उसके हलक से जान निकाल ली है उसके आँखों से आंसू छलक आए इतने में बाहर बिज़ली के कड़कड़ाती आवाज आयी और बादल गरजने लगा और जोरों की बारिश होने लगी l

जैसे उसके दुःख में सारी कायनात रो रही हो वो खिड़की की तरफ चला जाता है दोनों हाथ खिड़की पर रख बाहर देखने लगता है वो अपने आंसू उसे नहीं दिखाना चाहता था

उसके उदास होने से शिद्दत अपनी गलती पर पछताने लगती है और वो उसके पास जाती है और उससे कहती है - हमें माफ़ कर दीजिए हम ऐसे गुस्सा नहीं होना चाहते थे लेकिन आपने हमें पकड़ा तो हमें उस पर गुस्सा आ गया l

ताई ने उसकी तरफ देखा तो वो दोनों कान पकड़े उससे माफ़ी मांग रही थी उसने कुछ नहीं कहा वापस बाहर की ओर देखने लगा शिद्दत ने कहा - देखिए आप उदास हैं तो पता नहीं हमें क्यों अच्छा नहीं लग रहा है l

ताई ने फिर उसकी तरफ देखा और कहा - प्यार के बारे में तुम्हारे क्या ख़यालात हैं?

क्या..., शिद्दत ने अजीब तरह से उसे देखते हुए कहा l

ताई - हाँ बताओ जो मैंने पूछा उसका ज़वाब दो l

शिद्दत - आप पागल हो ये सब बकवास चीजें हैं l

ताई ने आसमान की ओर देखते हुए कहा - तुम्हें पता है मैंने बचपन से ही सिर्फ एक ही चीज का इन्तेज़ार किया है और वो है मेरा प्यार... मैं उससे इतना प्यार करता हूँ कि मैं... अपने ध्यान में भी उसे ही देखता हूं... लेकिन आँखों के अलावा उसका कभी दिखा ही नहीं l

शिद्दत ने हैरानी से कहा - सच में l

ताई ने अपना सर हाँ में हिला दिया शिद्दत ने कहा - इतना इंतजार कौन करता है.... क्या वो अभी तक आपसे मिली नहीं l

ताई - पता नहीं मुझे ऐसा लगता है कि वो मेरे पास - पास ही है यही कहीं l

शिद्दत सोचने लगी तो ताई ने उससे कहा - इतना मत सोचो जिस दिन तुम्हें प्यार होगा उस दिन पता चलेगा इन्तेज़ार क्या होता है l

ताई को तो पता था कि कौन है वो लड़की लेकिन वो बता नहीं सकता था l

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