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Chapter 15

सांची मार्केट से अपने असाइनमेंट का सामान लेकर घर की तरफ जा रही थी , , ।

 सांची घर की तरफ जा ही रही थी कि तभी उसके सामने एक ब्लैक कलर की कार आकर रूकती है , , ।

 उस कार को देख कर साची कुछ देर के लिए कंफ्यूज हो जाती है , , ।

 लेकिन जैसे ही उस कार में बैठा आदमी उस कार की विंडो के मिरर को नीचे करता है , , ।

 तो सांची उस इंसान का चेहरा देख कर शोकड हो जाती है , , ।

 और उसके मुंह से खुद ब खुद निकल जाता है , , ।

 " आप यहां ? , , " ।

 सांची की बात सुन कर कार में बैठा आरव एक शातिर मुस्कान मुस्कुराता है , , ।

और उससे कहता है , , ।

" हा मैं ! घर जा रही हो ? चलो बेठो मैं तुम्हे घर छोड़ देता हूं , , " ।

आरव की बात सुन कर साची एक नकली मुस्कान मुस्कराती है , , ।

और उससे कहती है , , ।

" कोई जरूरत नही है मुझे भगवान ने पैर दिए है , , ।

मैं चल सकती हूं मैं खुद चली जाऊँगी , , " ।

ये कह कर साची आगे बढ़ने लगती है , , ।

आरव उसकी बात सुन कर मुस्कराता है और कार से उत्तर कर , , ।

उसके पास जाकर उसका हाथ पकड़ कर रोक लेता है , , ।

आरव के ऐसा करने से साची को बहोत गुस्सा आता है , , ।

और वो उससे अपने हाथ को छुडाते हुए उससे ग़ुस्से से कहती है , , ।

" ये क्या बतमीजी है आरव जी छोड़िये मेंरा हाथ वरना मैं चिलौगी , , " ।

साची की बात सु। कर आरव एक डेविल मुस्कान मुस्कराता है , , ।

और साची को उस रास्ते को दिखाते हुए उससे कहता है , , ।

 " चिल्लाओ चलाओ लेकिन चिल्लाने से पहले जरा इस रास्ते को देख लो , , ।

 यहां दूर - दूर तक कोई नहीं है सिवाय मेरे और तुम्हारे , , ।

 इसलिए कह रहा हूं मेरी बात मानो और गाड़ी में बैठो मैं घर छोड़ दूंगा , , " ।

 आरव की बात सुन कर साची अपने गुस्से से दांत पीसते हुए उसे कहती है , , ।

 " बिल्कुल नहीं मुझे आपकी कोई मददत नही चजिये , , ।

पहले ही आप के भाई सा ने हमारी बहोत मददत की है , , ।

अब आप को कुछ करने की जरूरत नही है , , ।

इसलिए छोड़िये मेरा हाथ और मुझे जाने दीजिए , , " ।

साची की बात सुन कर और उसे अपनी कार की तरफ खींचते हुए उससे कहता है , , ।

 " यह हाथ मैंने छोड़ने के लिए थोड़ी ना पकड़ा है जाना , , ।

 अब तुम्हारा यह हाथ सारी जिंदगी मेरे हाथ में रहेगा , , " ।

 यह कह कर आरव साची को जबरदस्ती अपने कार में बैठा देता है , , ।

 साची उसकी कार से निकलने की बहुत कोशिश करती है , , ।

लेकिन आरव कार को लॉक कर देता है , , ।

 फिर आरव दूसरी तरफ से कार में बैठता है , , ।

और ड्राइवर को साचीी के घर की तरफ कार चलाने के लिए बोल देता है , , ।

 साची आरव की कार से निकलने की बहुत कोशिश कर रही थी , , ।

 और आरव उसकी कोशिश को देख कर मुस्कुरा मुस्कुरा रहा था , , ।

 जब साची कोशिश करते - करते थक जाती है , , ।

तो वह अपना मुंह फेर कर कार में चुप चाप बैठ जाती है , , ।

 सांची को इस वक्त आरव पर बहुत गुस्सा आ रहा था , , ।

 जो उसके चेहरे से साफ पता चल रहा था , , ।

 आरव सांची के गुस्से वाले चेहरे को देख कर उससे कहता है , , ।

 " बहुत गुस्सा करती हो तुम जाना तुमने अपने इसी गुस्से में मेरी कार खराब की थी ना , , " ।

 कार का जिक्र सुनते ही सांची की आंखें घबराहट से बड़ी हो जाती है , , ।

 लेकिन फिर भी वह अपनी घबराहट को आरव को ना दिखाते हुए , , ।

कार की विंडो से बाहर देखती रहती है , , ।

 आरव जब देखता है की सांची उसकी बात पर कोई रिजेक्ट नहीं कर रही है , , ।

 तो वो उसके थोड़े करीब खिसक कर उससे कहता है , , ।

 " जिसकी सजा मैंने तुम्हें नहीं दी है वहां तो तुम माशा के आने से , , ।

बच गई थी लेकिन यहां कैसे बचो की यहां तो तुम्हार और मेरे अलावा कोई नहीं है , , " ।

 सांची उसके मुंह से सजा की बात सुन कर घबरा कर उसकी तरफ देखती है , , ।

और अपनी गर्दन घुमा कर उससे कहती है , , ।

 " देखिए मैंने आप को उसके लिए पहले भी सॉरी बोला है , , ।

और आप चाहे तुम मैं पैसे भी दे सकती हूं कार खराब करने के लिए , , " ।

 सांची की बात सुन कर आरव मुस्कुराता है और , , ।

 उसे देख कर उसे कहता है , , ।

" तुम्हें सच में ऐसा लगता है कि मुझे पैसे चाहिए , , ।

 तुम शायद भूल रही हो जाना कि मैं आरव प्रताप सिंह हूं मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है , , " ।

 फिर आरव सांची के होठों को देख कर अपने होठों को लिख करता है , , ।

और साची से कहता है , , ।

 " हां लेकिन एक चीज की जरूरत है जिसे देकर तुम मेरा हिसाब चुकता कर सकती हो , , " ।

 यह कह कर आरब उसके होंठ की तरफ झुकने लगता है , , ।

 साची आरव कल अपनी तरफ झुकता देख पीछे की तरफ झुकती है , , ।

और पीछे झुकते हुए उससे कहती है , , ।

 " यह क्या कर रहे हैं आप दूर रही है मुझसे , , ।

देखिए मैं कोई ऐसी वैसी लड़की नहीं हूं जिसके साथ आप कुछ भी कर लेंगे , , ।

 अगर आपने मेरे साथ कुछ भी करने की कोशिश की ना तो मैं आप को छोडूगी नही , , " ।

 आरव उसकी बात सुन कर उसकी तरफ झुकते हुए , , ।

उसके साथ फ्लर्ट करते हुए कहता है , , ।

" मैं तो चाहता ही हूं जाना कि तुम मुझे कभी मत छोड़ो , , ।

 बल्कि हमेशा मेरे साथ रहो , , " ।

 यह कह कर आरव अपने हाथ को सांची के होठो को छूने के लिए आगे बढ़ाता है , , ।

 सांची जैसे ही आरव के हाथ को खुद की तरफ बढ़ता देखती है , , ।

तो वह अपने हाथ से के हाथ को झटक कर उसे गुस्से से कहती है , , ।

 " देखिए आरव जी मैंने कहा ना मुझसे दूर रहिए , , ।

और रोकिए गाड़ी मुझे के आपके साथ कहीं नहीं जाना है , , " ।

 सांची के आरव को हाथ झटक ने से उसे गुस्सा आता है , , ।

और उसे साची पर बहुत गुस्सा आता है , , ।

 सांची के आरव के हाथ को चटकने के बाद आरव अपने उस हाथ को देखता है , , ।

 फिर अपने उस हाथ की गुस्से से मुट्ठी बन्द करता है , , ।

और साची को गुस्से से देखते हुए कहता है , , ।

 और सांची की तरफ गुस्से से देख कर उसे कहता है , , ।

 " आज किया है जाना अगली बार ऐसा करने की हिम्मत भी मत करना वरना , , " ।

 सांची आरव की बात सुन कर गुस्स से उसकी तरह उससे कहती है , , ।

 " वरना ! वरना क्या करेंगे आप ? अपने भाई सा की तरह धमकी देंगे , , ।

मुझे भी जैसे मेरी दीदु को दि है उन्होंने लेकिन मैं मेरी दीदु नहीं हूं , , ।

मेरी दीदु मासूम है भोली है इसीलिए आप के भाई के डराने से डर गई , , ।

 लेकिन मैं ना तो आप से डरती हूं और ना आपके भाई सा से डरती हूं समझे , , ।

 कह दीजिएगा उनसे कि मैं अपनी दीदु की शादी उनसे कभी नहीं होने दूंगी , , " ।

 यह कह कर सांची अपने दोनों हाथों को उसकी चेस्ट पर रख कर , , ।

उसे खुद से दूर करने लगती है , , ।

 आरव को सांची की हरकत और बातों से बहुत गुस्सा आता है , , ।

 और वह सांची के हाथों को अपने हाथों से पकड़ कर उसकी पीठ से लगा देता है , , ।

 और अपने होंठ उसके नरम होठों पर रख कर उसे फोर्सफुली किस करने लगता है , , ।

 सांची आरव के एक्शन से शोकड हो गई थी , , ।

 और अपनी बड़ी - बड़ी आंखों से उसे देखने लगती है , , ।

 और साथ ही उस से छूटने की कोशिश करने लगती है , , ।

 लेकिन आरव पर सांची की कोशिश का कोई असर नहीं हो रहा था , , ।

वह बस साची के होठो को अपने मुँह में भर कर चूस रहा था , , ।

जिससे साची को बहोत दर्द हो रहा था , , ।

 आरव की kiss बहुत ही रफ और रूड थी , , ।

जिसकी वजह से साची को बहुत तकलीफ हो रही थी , , ।

धीरे - धीरे आरव की kiss पसेनेट kiss ।के बादल गयी थी , , ।

जिससे साची को सास लेने में परेशानी हो रही थी , , ।

इसलिए वो आरव से छूटने के लिए झटपटने लगती है , , ।

 लगभग 20 मिनट बाद जब आरव को लगता है कि साची को सास लेने में दिक्कत हो रही है , , ।

तो वो सांची के होठों को छोड़ देता है , , ।

 आरव के छोड़ते ही साची गहरी - गहरी सांसे लेने लगती है , , ।

 उसके होंठ आरव की किस की वजह से पूरी तरह से लाल हो चुके थे , , ।

 और उसकी आंख भी नम हो जाती है , , ।

क्योंकि आज तक साचो को किसी ने भी इस राह से नही छुआ था , , ।

 आरव साची को गहरी सांस लेते हुए देख मुस्कुराता है , , ।

 और उससे शरारती अंदाज में कहता है , , ।

 " यह मेरी कार खराब करने की फर्स्ट इंस्टॉलमेंट है , , ।

 और मेरी बात ना मानने की छोटी सी पनिशमेंट भी , , ।

अगर अगली बात तुमने मेरी किसी भी बात को मानने से इनकार किया , , ।

तो तुम्हारी यह पनिशमेंट बढ़ भी सकती है , , " ।

 सांची आरव की बात सुन कर उसे गुस्से से घूरती है , , ।

 और अपने दांत पीसते हुए उससे कहती है , , ।

 " हाउ डेयर यू तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ यह करने की ? , , " ।

 यह कह कर साची आरव को थप्पड़ मारने के लिए अपना हाथ उठाती है , , ।

 लेकिन इससे पहले साची का हाथ आरव के गाल को छुपाता , , ।

आरव सांची के हाथ को पकड़ लेता है , , ।

 और उसके हाथ को पकड़ कर साची को अपने करीब खींचता है , , ।

 आरव के खींचने से सांची आरव के चेहरे के बहुत करीब आ जाती है , , ।

 इस वक्त वह दोनों एक दूसरे की सांसे भी अपने चेहरे पर महसूस कर पा रहे थे , , ।

 साची आरव की आंखों में देख कर गुस्से से उसे घूर रही थी , , ।

और साथ ही अपना हाथ उससे छुड़ाने की कोशिश भी कर रही थी , , ।

 आरव सांची की कोशिश देख कर मुस्कुराता है , , ।

और अपनी पकड़ उसके हाथ पर कस कर उसकी आंखों में देखते हुए उससे कहता है , , ।

 " मत करो कोशिश जाना तुम्हारी कलाई में मोच आ जाएगी , , " ।

 फिर आरव साची के हाथ को अपने होठों से चुनता है और उससे कहता है , , ।

" यह हाथ अब तुम मेरे हाथ से कभी छोड़ा नहीं पाओगी , , ।

अब यह हमेशा मेरे हाथों में रहेगा और तुम मेरी बाहों में , , " ।

 आरव ये कह ही रहा था की आरव की कार रुक जाती है , , ।

 कार के रुकते ही साची को एहसास होता है कि उसका घर आ चुका है , , ।

 अपने घर को देख कर साची और जोरो से उससे अपना हाथ छुड़ाने लगती है , , ।

 सांची की कोशिश देख कर आरव सांची के हाथ को छोड़ देता है , , ।

और उससे एटीट्यूड से कहता है , , ।

 " जाओ जाना तुम्हारा घर आ गया है बस कुछ और दिने तुम इस घर में रह लो , , ।

उसके बाद तो तुम्हें हमेशा मेरे साथ ही रहना है , , ।

 और चाहो तो अभी जो मैंने तुम्हारे साथ किया , , ।

वह तुम अपनी दीदु या अपने परिवार को बता सकती हो , , ।

 इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन अगर तुम उन्हें मेरी किस वाली बात बताओ गी , , ।

 तो तुम्हें यह भी बताना पड़ेगा कि तुमने मेरी कार के साथ की है , , ।

 और उसके बाद तुम्हारी दीदु और तुम्हारी फैमिली तुम्हारे साथ क्या करेगी , , ।

यह तुम मुझसे ज्यादा अच्छी तरह से जानती हो , , " ।

 आरव की बात सुन कर साची उसे गुस्से से घूरती है , , ।

और अपना सामान लेकर उसकी कार से उतर जाती है , , ।

 और जल्दी से अपने घर में चली जाती है , , ।

 आरव सांची को तब तक देखता है जब तक साची अपने घर में नहीं चली जाती है , , ।

 सांची के घर में जाने के बाद आरव अपनी सीट पर अपना सर टीकाता है , , ।

और खुद से मुस्कुरा कर कहता है , , ।

" जाना जाना कुछ तो है तुम में जो तुमने मु

झे अपना दीवाना बना दिया है , , " ।

 यह कह कर आरव एक नजर सांची के घर को देखता है , , ।

फिर ड्राइवर से अपने घर की तरफ चलने को कह देता है , , ।

 आरव की बात सुन कर ड्राइवर कार को प्रताप मेंशन की तरह बढ़ा देता है , ,व।

 कार के चलते ही आरव अपनी सीट से अपना सर टिकाता है , , ।

और अपनी आंखें बंद कर - कर सांची के बारे में सोचने लगता है , , ।

Dear रीडर्स । तो आप को क्या लगता है ? क्या सांची श्री को बताएगी आरव की हरकत के बारे में ? और क्या रिएक्शन होगा सांची का जब उसके लिए आरव का रिश्ता आएगा ? अपना जवाब मुझे कमेंट कर के जरूर बताएं और guys मेरे कल के चैप्टर में कोई प्रॉब्लम हो गयी है इसलिए वो शो नही हो रहा है इसलिए मैं चपत्व्र दुबारा लिख कर डाल रही हु तो आप को आज का चैप्टर आप को कैसा लगा मुझे कमेंट कर के जरूर बताएं । ।

तब तक के लिए Take Care । ।