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Ep 5 शादी का सच!

भाग 5 शादी का सच!

हर्ष ने भी ड्राइवर की तरफ को थैंक यू का इशारा किया और  फिर वह भी  कार के अंदर बैठ गया पर जैसे ही उसने कार के अंदर बैठ कर उसे लड़की की तरफ देखा जो पहले से ही उस कार के अंदर बैठी हुई थी तो तब उसकी आंखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गई क्योंकि वह अपनी कार में अंशिका को देख कर बहुत ज्यादा चौक गया था

उसको तो यह यकीन ही नहीं हो रहा था कि अभी उसकी कार में जो लड़की बैठी हुई है वह अंशिका ही है  या कोई और उसकी हमशक्ल लड़की है।

क्योंकि अभी उसकी कार के अंदर अंशिका कैसे हो सकती थी अंशिका से तो वह प्यार करता था और अंशिका ने तो उसको गरीब बोल कर उस  से शादी करने से मना कर दिया था तो फिर अभी वह  उसकी वाइफ कैसे हो सकती थी।

उसको इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था जिस वजह से उसने खुद को एक बार पिच किया जब उसने अपने हाथ पर पिच किया तो तब उसको अपने हाथ मे दर्द महसूस हुआ जिस वजह से उसको अभी  ये यकीन हो गया था कि उस की कार में बैठी हुई है लड़की और कोई नहीं बल्कि अंशिका ही है।

वह ही अंशिका जिस से वह प्यार करता था पर अब उसके दिमाग में रह रह कर एक सवाल आ रहा था कि अंशिका उसकी कार में कैसे हो सकती थी क्या जिससे उसकी शादी हुई  वह अंशिका ही थी पर कैसे यह सब सोच-सोच कर उस का दिमाग खराब हुआ जा रहा था और उसको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।

वही दूसरी तरफ हर्ष को देख कर अंशिका का भी कुछ इसी तरह का हाल था वह भी अभी बहुत ज्यादा चौकी हुई थी और अपनी शोक भरी नजरों के साथ हर्ष को घूर-घूर कर देख रही थी उसके दिल की धड़कनें मानो थम सी गई थी और उसके दिमाग में एक साथ हजारों सवाल चल रहे थे।

वह भी अपने दिमाग में सोचते हुए कह रही थी"  यह यहां पर अभी कैसे हो सकता है यह तो गरीब है ना,  तो अभी यह कैसे हो सकता है क्या मेरी शादी अभी इसके साथ हुई है?  और जो आदमी कल रात मेरे कमरे में आया था और मेरे क्लोज हुआ था क्या वह यही था?  पर यह कैसे हो सकता है?"

ऐसे ही तरह से अभी उन दोनों के ही दिमाग में हजारों सवाल चल रहे थे उनको इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिस इंसान के साथ उनकी कॉन्ट्रैक्ट मैरेज हुई थी वह और कोई नहीं वही इंसान था जिससे वह प्यार करते थे और जिससे शादी करने के सपने देखते थे।

पर उस   इंसान के साथ उनकी शादी नहीं हो पाई थी पर ऐसा कैसे हो सकता था कि अचानक से ही उनकी शादी उसे इंसान के साथ हो गई जिससे वह शादी करना चाहते थे और जिस से प्यार करते थे।

यह सब सोच सोच कर ही वह दोनों अभी पागल हुए जा रहे थे के तभी हर्ष ने अंशिका से गुस्से से देखते हुए पूछा "तुम यहां पर क्या कर रही हो? और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर में मेरी  कार के अंदर बैठने की? "

हर्ष के मुंह से इन शब्दों को सुन कर अंशिका को बहुत ज्यादा हैरानी हुई और उसने चौकते हुए हर्ष से पूछा " क्या तुम्हारी कार? क्या यह तुम्हारा घर है? तुम तो एक गरीब इंसान हो ना तो फिर यह कार और यह घर तुम्हारा कैसे हो सकता है? "

अंशिका के मुंह से इस सवाल को सुन कर हर्ष ने व्यग्य भरे लहजे मे हस्ते हुए अंशिका से कहा "  हां यह कार मेरी ही है और यह घर भी मेरा ही है मैं ही पागल था जो तुम्हारे प्यार के चक्कर में एक गरीब इंसान बनने का नाटक कर रहा था पर चलो अच्छा हुआ तुमने मेरी आंखें खोल दी और तुम्हारी असलियत मेरे सामने पहले ही आ गई कि तुम एक बहुत ज्यादा लालची लड़की हो  सुरु जो सिर्फ पैसों से प्यार करती है और पैसों को ही सब कुछ मानती है इस ही वजह से तो तुमने मेरे साथ कॉन्ट्रैक्ट मैरिज कर ली। 

हर्ष के मुंह से निकली इस बात को सुन कर अंशिका को अपने दिल में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था और वह अपने मन में उदास होते हुए बोल रही थी " नहीं ऐसा नहीं है नहीं मैं पैसों की लालची लड़की नहीं हूं बल्कि यह सब करना तो मेरी मजबूरी है मजबूर हूं मैं,  यह सब करने के लिए पर अफसोस मैं तुम्हें यह सब नहीं बता सकती। "

यह बात अपने मन मे बोलते हुए ही और अंशिका ने अपने मन में आगे सोचते हुए कहा " अब मैं तुम्हें क्या बताऊं कि मेरी हालत तुम्हारे जाने के बाद कैसी हो गई थी मैं बहुत मजबूर थी पैसों की मुझे बहुत ज्यादा जरूरत थी जिस वजह से मैंने यह कांटेक्ट साइन करने का फैसला किया और तुम्हारा दिल तोड़ दिया गरीब बोल कर पर सच में मैं तुम्हारे से बहुत प्यार करती हूं तुम मेरे से ऐसे नफरत मत करो। "

यह बात बोल कर अंशिका ने फिर सोचा की क्यों ने मैं अपनी बात हर्ष को बता ही दू इस वझूठ से यह सब सोच कर अंशिका ने हर्ष को अपनी बात बताते हुए हर्ष से कहा " नहीं  ऐसा नहीं है। "

पर अभी तक अंशिका ने इतना ही बोला था कि हर्ष ने दोबारा से अपनी गुस्से भरी आंखों से अंशिका को देखते हुए कहा " नहीं अब तुम कुछ मत बोलो मैं सब जानता हूं तुम्हारे बारे में मुझे कुछ भी बताने की कोई भी जरूरत नहीं है तुम्हे मैं सब जनता हु अब तुम्हे ये पता चल गया है की मैं एक अमीर आदमी हु तो अब दुबारा से तुन्हे मेरे से प्यार हो गया "

" तुमने यह शादी मेरे साथ पैसों के लिए की है तो तुम्हें तुम्हारे पैसे मिल जाएंगे और तुमने शादी से जुड़ी हुई सारी शर्तें भी मान ली है तो फिर अब तुम्हें कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए तुम बस अब मेरे सारे शब्दों को फॉलो करते रहो। "

यह बात बोलते हुए हर्ष ने अंशिका को अपनी नफरत भरी नजरों से देखा उसकी आंखों में अपने लिए नफरत देख कर अंशिका को अपने दिल में बहुत ज्यादा दर्द महसूस हो रहा था और उसका दिल सच में अभी बहुत ज्यादा रो रहा था पर वह क्या कर सकती थी हर्ष को तो उसकी किसी भी बात को सुनने में कोई इंटरेस्ट ही नहीं था वह उसकी कोई भी बात सुना ही नहीं चाहता था।

जिस वजह से अंशिका बस चुप हो गई और चुप हो कर खिड़की से बाहर देखने लगी खिड़की से बाहर देखते हुए अंशिका की आंखों में आंसू आ गए थे और वह रोते हुए खिड़की से बाहर देख रही थी उसको अपने दिल में एक तेज दर्द महसूस हो रहा था और अभी-अभी जो हर्ष ने बोला उस को सुन कर उस का दिल भी बहुत ज्यादा दुख रहा था और वह अपने मन में सोचते हुए बोल रही थी"

"हर्ष तुम मेरे बारे में इतना गलत कैसे सोच सकते हो मैं तुम्हारे से प्यार करती थी और करती हूं तुम देखना तुम्हारे साथ रहते रहते में एक दिन तुम्हारी इस गलतफहमी को जरूर ठीक कर दूंगी ठीक नहीं दूर कर दूंगी और फिर तुम दोबारा से मेरे से प्यार करने लगोगे। "

यह बात सपने मन मे बोल कर अंशिका ने एक बार दोबारा से हर्ष की तरफ देखा और फिर वह दोबारा से खिड़की से खिड़की के बाहर का नजारा देखने लगी।

कुछ ही समय बाद अंशिका और हर्ष  की कार एक बहुत ही ज्यादा सुंदर से सफेद रंग के मेंशन के बाहर जा कर रुकी 

को क्या लगता है हर्ष की मॉम का भाव कैसा होगा और क्या वह अंशिका को अपने घर की बहू के रूप में एक्सेप्ट कर पाएंगे या फिर यह कहानी कोई और मोड़ ले लेगी?

अब आगे ये कहानी क्या मोड़ लेती है  । जानने के लिए पढ़ते रहिए " वाइफ बाय कांटेक्ट "

अब आगे की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी ,

तब तक के लिए अलविदा ।

      

नव्या खान