1 RELIGION VS INDIAN

हिन्दू मुस्लिम करते करते हम ये किस दौर में आ गए...मै खुश हूँ की कभी मुझे मेरी तालीम में भेदभाव करना नहीं सिखाया गया...मै खुश हूँ की मुझे कभी ये नहीं लगा की ये सिर्फ मेरा देश है और बाकी लोगो को पाकिस्तान चले जाना चाहिए...मै खुश हूँ मैंने कभी किसी दोस्त से ये नहीं पूछा कि वो किस जाति का है...मेरे लिए मेरा दोस्त ही मेरा सब कुछ था..सुरु से...आज तक...

कभी बैठ कर सोचियेगा हिन्दू मुस्लिम्स दलित पिछड़ा ...इन सब चक्करों में किसने फसाया...कभी कभी तो मैं हैरान हो जाता हूँ कि चार साल पहले ऐसा कौन सा गोली बाटा गया था कि लोगो का नशा उतर ही नहीं रहा...विकास को कोई ढूंढ ही नहीं रहा...वो आराम से सेक्टर 1 में सोया हुआ है .....

जब आपको लगे की देश में सामाजिक अस्थिरता ज्यादा हो रहा है तो एक बार कैलेंडर पलट के देख लीजिएगा कि चुनाव कितने दिन बाद होने वाले हैं ..आपको थोड़ा तो समझ आ ही जायेगा...ऐसा नहीं है की समस्या पिछली सरकारों में नहीं थी...लेकिन अभी जो समस्या है ये तो बिलकुल नहीं थी....अगर आप के दोस्त में दोस्त से पहले उसकी जाति दिखे..ये दिखे की वो हिन्दू है या मुसलमान ...अगर न्यूज़ चैनल के बहस में हिन्दू मुस्लिम का टॉपिक आपको भी अच्छा लगता है. .तो यकीन मानिए गोदी मीडिया और सत्ता के भूखे लोमड़ियों के गिरफ्त में आप पूरी तरह से फस चुके हैं...

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