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मेरी क्रश

दोस्तो , कभी अपनी कोचिंग की किसी लड़की पर crush हुआ है ?

मुझे भी हुआ है ।

फिर , फिर क्या मेने भी वही किया जो सब करते है ,

लग गया उसे इम्प्रेस करने में , और उससे बात करने की हर मुमकिन कोशिश करने लगा ,और वो कहते हैं ना कि कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती ,बहूत सी नाकाम कोशिशों के बाद एक दिन में सफल हुआ , वीकेंड के बाद वाला दिन था में कोचिंग पहुंचा पर थोड़ा लेट हो चुका था , और आप सबको तो पता ही है , लेट commers को जगह कहाँ मिलती है , बिल्कुल सही guess किआ आपने हाँ वहीं क्लास की सबसे लास्ट बेंच पर ,

बस जगह मिलते ही में झट से वहाँ जा कर बैठ गया ,पर आज मुझे पीछे बैठने का बिल्कुल भी अफसोस नही था और वो इसलिए क्योंकि हमारी Crush साहिबा पहले से ही वहाँ बेठे हुई थी , नही वो लेट नही आई थी , वो तो बस पता नही क्यों शायद destiny ने उसे वहाँ बैठाया हो , अब जब उनके बगल में जा कर बैठा तो पता था पढ़ाई में मन तो लगना है नही , तो बस में इधर उधर देखने लगा , टाइम पास करने लगा , तब अचानक से पहली बार उसने मुझसे कुछ बात की , उसने जो कहा शायद सुन कर आपको हसी आजाए , उसने कहा था कि इधर उधर देखने से कुछ नही होगा पढ़ाई में धयान लगाओ ।

बस उसने इतना ही कहा और मेरे चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ने लगी ओर में मानो पागल सा होने लगा , ओर उसी दिन मुझे उसका नाम पता चला , NIDHI जो कि मैने चुपके से उसकी कॉपी में झाँक कर देखा था । बस नाम पता चलते ही तुरंत उसे INSTA पर follow requst भेज दी , अब किस्मत भी साथ देने लगी थी 1 घंटे के अंदर ही उसने request accept भी करली , ओर मुझे फॉलो बैक भी किया , अब तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नही रहा ।

फिर वही एक दूसरों की पोस्ट लाइक करने का सिलसिला शुरू हुआ ,

धीरे धीरे DM पर बातें होने लगी , कभी gm तो कभी gn ,

बातें अब gm gn तक सीमित न रहते हुए , whatsaap पहुंची जहाँ , खाना खाया या नही से ले कर , कहा हो , क्या कर रही तो तक बातें बड़ी ।

फिर एक दिन मेने हिम्मत करके पूछ ही लिया की क्या हम कहीं coffee पर मिल सकते है , 15 मिनिट तक जब seen होने के बाद भी कोई रिप्लाई नही आया तो मानो में खुद को ही कोसने लगा , खुदसे कहने लगा कि क्या जरूरत थी इतनी जल्दी मिलने के लिए कहने की आभी तोे तुझे उससे बात करते हुए 4 दिन भी नही हुए ,

बस खुद को कोस ही रह था कि अचानक से popup हुआ और मैने व्हाट्सएप खोल कर देखा तो उनका msg था , oky will मीट at mitthi tonight , बस मेने इतना पढ़ा और में खुशी से झूम उठा , खुशी से अपना फ़ोन चूमने लगा ।। मानो की मेरी हर ख्वाहिश पूरी हो गई हो ।

अब बात इतनी आगे बढ़ गई थी , की अगर उनसे मुलाकात न होती तो दिन अधूरा सा लगने लगता था , मानो उनके msgs की जैसे आदत सी पढ़ गई हो मुझे ।

अगर दिन में 3 -4 बार call पर बात न हो whatsaap पर चैट्स न हो तो मन बेचैन होने लगता था । यह सिलसिला बढ़ता चला गया , एक दूसरे के बिना जैसे हम अधूरे से होने लगे थे । क्योंकि ऐसा अक्सर होता है , अगर हम किसी से दिन रात बातें करे , दिन रात उसी के खयालो में खोए रहे तो हमे उसकी आदत हो जाती है , औऱ हो भी क्यों न आखिर यही तो प्यार है ।

फिर इन सब खुशियों के बीच एक ऐसा मोड़ आया , जो अक्सर सारी खुशियो पर पानी फेर जाता है , वही जब उन्हें तुम्हारी प्यार भरी बातें बोरियत लगने लगती है और तुम्हरा उनके लिए फिक्र करना उन्हें ओवर एक्टिंग सी लगने लगती है , बस मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा था , जो पहले सारे काम छोड़ कर मेरे msgs का जवाब दिया करती थी , अब वो मेरे msgs seen करके बिना रिप्लाई किये ही घंटो छोड़ देती है । अब वो मुझसे ये भी नही पूछती के तुमने खाना खाया या नही , कहाँ हो , क्या कर रहे हो N All ।

अब बस उम्मीद ही बची थी हमारे बीच , बकी सब तो मानो सपना हो ।

इन ठोकरों के बाद,नज़ाक़त आ गई मुझमें l.

मैं अब दिल के मशवरों पे,भरोसा नहीं करता ll

धीरे धीरे यह फासले ऒर बढ़ते गए , ओर आखिर उसने कह ही दिया की माना कि हम यार हुआ करते थे पर जाओ अब प्यार नही तुमसे , माना कि लम्हे तो तुम्हारे साथ बिताए थे मेने वो मेरे लिए खास हुआ करते थे पर जाओ अब प्यार नही तुमसे , तोफे जो तुमने मुझे दिए हाँ वो मेरे लिए नायाव हुआ करते थे पर जाओ अब प्यार नही तुमसे ।

वो क्या होता है ना कि , "कभी कभी मुक्कमल होने की ख्वाहिश में,

हम पहले से भी ज्यादा अधूरे हो जाते है..!!"

फिर मेने खुद को समझाया , खुद को संभालते हुए खुद से ही कहा कि -

*पहली नजर के प्यार से बड़ी उम्मीद जगी थी*..

*बेरुखी ने कहा बधाई हो जुदाई जन्मी हैं*..

💙