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भेड़िये को उसकी दुल्हन मिल गयी

भेड़िया पीछे पलट के लड़की को देखना चाहता था... ताकि ओ ठिक है या नहीं....ये भेड़िया लड़की की मदद करना चाहता था... लड़की को किसी तरह की तकलीफ नहीं देना चाहता था....

लेकिन भेड़िया जैसे ही पीछे पलट के देखता है... ओ लड़की डर से बेहोस होके नीचे गिर जाती है...

भेड़िया...अपना सर ऐसे हिल्ला राहा था... जैसे ओ लाचार हो... क्युकी अक्सर इन्सान इतने बड़े जानवर को सामने देख के डर ही जाते है.. इसलिए ये भेड़िये के ये प्रजाति कभी किसी इंसान के सामने नहीं आते....

भेड़िया लड़की के पास जाता है... ताकि ओ लड़की को उसके दोस्तों के पास छोड़ सके...

लेकिन जैसे ही भेड़िये की नजर लड़की के चेहरे पर पडती है... तो भेड़िया वही पर रुक जाता है... कुछी पल मे ओ भेड़िया... वही लड़के के रूप मे खड़ा था... जो कुछ पल पहले आपनें लकड़ियों से बने घर पर सोया हुआ था....

लड़का धीरे धीरे लड़की की तरफ बढ़ता है.... और उसके चेहरे को गौर से देखने लगता है.... लड़के को ओ लड़की.... बहत जानी पहचानी लगती है....

क्युकी लड़का एक भेड़िया था इसलिए.. उसकी सूंघ ने की सकती बहत ज्यादा थी... लड़का लड़की को सूंघ ने लगता है.... क्युकी उसे लग राहा था... जैसे इस लड़की से उसका कोई रिस्ता हो....

लड़के को कुछ अजीब सा फिल होने लगता है... तो लड़का... लड़की के टप को खिंच के उसके सीने को देखने लगता है....

लड़की के सीने पर... एक भेड़िये की निसान बना हुआ था.... ओ निशान किसी और भेड़िये की नहीं बलके उसी लड़के की निसानी थी...

उस निशान को देखते ही... लड़का खुशी से चेहक उठता है... उसकी आँखों मे चमक साफ दिख राहा था.... क्युकी ये लड़की उसकी दुल्हन थी... इसलिए लड़का खुशी से नाच ना चाहता था....आखिर अब ओ अपनी जवानी को जी सकता है....

भेड़िये के प्रजाति मे एक नियम होता था... के एक पुरुष भेड़िया... किसी के साथ ऐसे ही... शारीरिक रिस्ता नहीं रख सकता... जब तक उस लड़की के शरीर पर उसी भेड़िये की निसानी नहीं हो... अगर किसी लड़की के शरीर मे उसी भेड़िये की निसान मौजूद हो... तो ओ भेड़िया सिर्फ उसी लड़की के साथ ही शारीरिक रिस्ता बना सकता है ... और उसी लड़की को ही अपना दुल्हन बना सकता है...

भेड़िया आपनें मरते दम तक किसी दूसरी लड़की के साथ शारीरिक रिसाता नहीं रख सकता... और भेड़िया किसी भी हाल मे अपनी दुल्हन को नहीं छोड़ सकता...हा लेकिन उसकी दुल्हन जरुर उस भेड़िये को छोड़ सकती है...

और अगर भेड़िये की दुल्हन ने भेड़िये को छोड़ दिया तो उस भेड़िये का जीना मरने के बारा बर था....

अभी ओ लड़का खुशी से चेहक राहा था... के आखिर कार उसे उसकी दुल्हन मिल ही गयी...

लेकिन अभी उसे उसके दुल्हन का दिल भी जितना था... ताकि उसकी दुल्हन उसे मरते दम तक ना छोड़े....

इसलिए लड़का ना चाहते हुए भी लड़की को उसके दोस्तों के पास छोड़ ने का मन बना लेता है...

लड़का लड़की को आपनें गोद मे उठा ता है... और लड़की के चेहरे को करीब से देख ने लगता है....

लड़की की गोल छोटा सा चेहरा...छोटी सी नाक... पतले पतले होंठ... लम्बी लम्बी पलके... बेदाग़ चेहरा... चाँद की रोशनी मे भी ओ चमक रही थी... जैसे ओ खुद एक चाँद हो...

लड़का हौले से लड़की के पतले होठों को आपनें होठों से छू लेता है... और केहता है... हम बहत जल्द मिलेंगे... मेरा इंतजार करना...

लड़का भेड़िये मे बदल जाता है.. लड़की को आपनें पीठ पर बैठा के भेड़िया अपनी तेज रफ़्तार से... उसी तरफ दौड़ने लगता है.. जिस तरफ लड़की के दोस्त उसे ढूंढ रहे थे....

लड़का कुछी पल मे उनके आस पास पहँच जाता है... और बिना कोई... आवाज किये लड़की को उसके दोस्तों से कुछी दूर जमीन पर रख के दूर झाड़ियों मे झूप जाता है...

लड़की के दोस्त उसे ढूंढ ते ढूंढ ते अब थक चुके थे.... तभी...आदि को कुछ दूर जमीन पर कोई पड़ा हुआ दिखाई देता है... तो ओ सब को बुला के केहता है... ओ रही सीरिन...

लड़की के सारे दोस्त उसके पास आके उसे देखने लगे... ओ ठिक है या नहीं... फिर ओ सब उसे बेहोसी से उठा ने के लड़की को उसके नाम से बुलाने लगे... सीरिन सीरिन... उठ सीरिन... तुझे कया हो गया है...

तभी झाड़ियों मे छुपा हुआ भेड़िया आपनें दिल मे केहता है... सीरिन... तो तुम्हारा नाम सीरिन है... बहत प्यारा नाम है... तुम जितनी प्यारी हो... तुम्हारा नाम भी उतना प्यारा है...

सीरिन के चेहरे पर पानी के छींटे मार ने से सीरिन एक दम से होस मे आयी...

सीरिन बहत डरी हुई थी... उसकी साँसे तेज तेज चल रही थी... उसने डर ते हुए इधर उधर देखने लगी... जैसे कुछ ढूंढ रही हो...

उसके दोस्तों ने पूछा... सीरिन तुझे कया हुआ है... तुम कया ढूंढ रही हो... और तुम इतनी परेशान क्यूँ हो..सीरिन ने डरते हुए कहा... ओ... ओ... वहां... वाहा... एक बहत बड़ा भेड़िया था... बहत बड़ा... ओ भेड़िया... किसी इन्सान से भी बड़ा था...

सब उसकी बात को हैरानी से सुन रहे थे... आखिर इतना बड़ा भेड़िया होता भी है... सीरिन....ये बात मीठी ने कहा था... सीरिन घबराते हुए कहती है... मे सच बोल रही हूँ... ओ था... लेकिन कोई भी उसके बातो का यकीन नहीं करता...

फिर मेघा ने कहा... अच्छा ठिक है... सीरिन हम इस बारे मे बाद मे कॉलेज पहँच के बात करेंगे... ये जंगल बहत डरावनी है.. नजाने कौन कौन सी जानवर यहाँ घूम ते है... इसलिए अभी हम सब को यहाँ से निकल ना चाहिए...

मेघा के बात पर सभी राजी हो गये... और ओ लोंग वहां से जाने लगे... लेकिन सीरिन बार बार मूड मूड के पीछे की तरफ देख रही थी....

सीरिन को जाता हुआ देख के... झाड़िओ मे छुपा हुआ भेड़िया केहता है.. जाओ... आज मे तुम्हे जाने दे राहा हूँ... बहत जल्द तुम मेरे पास होंगी....

सीरिन और उसके दोस्तों जल्द ही उस जंगल से निकल आये...