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बड़ी हवेली...

"शाहजहां ने अपने लिए एक विशेष सिंहासन बनवाया। इस सिंहासन को बनाने में सैयद गिलानी नाम के शिल्पकार और उसका कारीगरों का टीम को कोई सात साल लगा। इस सिंहासन में कई किलो सोना मढ़ा गया, इसे अनेकानेक जवाहरातों से सजाया गया। इस सिंहासन का नाम रखा गया तख्त—ए—मुरस्सा। बाद में यह 'मयूर सिंहासन' का नाम से जाना जाने लगा। बाबर के हीरे को भी इसमें मढ़ दिया गया। दुनिया भर के जौहरी इस सिंहासन को देखने आते थे। इन में से एक था वेनिस शहर का होर्टेंसो बोर्जिया। बादशाह औरंगजेब ने हीरे का चमक बढ़ाने के लिए इसे बोर्जिया को दिया। बोर्जिया ने इतने फूहड़पन से काम किया कि उसने हीरे का टुकड़ा टुकड़ा कर दिया। यह 793 कैरट का जगह महज 186 कैरट का रह गया... औरंगजेब ने दरअसल कोहिनूर के एक टुकड़े से हीरा तराशने का काम बोर्जिया को खुफ़िया रूप से दिया था और उसी कोहिनूर के हिस्से को शाह जंहा कि जेल की दीवार में चुनवा दिया गया था जिसकी सहायता से वह ताजमहल तथा अपनी अज़ीज़ बेगम की रूह को देखते थे ।

Ivan_Maximus_Edwin_9753 · Horror
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कमांडर इन एक्शन - 6

" ये किसने किया होगा, इसकी तो बहुत बुरी हालत हो गई है, इतनी बेदर्दी से तो कोई बहुत ताकतवर इंसान ही मार सकता है", एक लुटेरे ने अपने बाकि के साथियों से कहा, कुछ ही देर में लुटेरों का सरदार भी वहां पहुंचा, उसने लाश की तफ्तीश की और अपने साथियों से हत्या करने वाले को ढूंढने को कहासभी उस बड़े से जहाज में उस अज्ञात हत्यारे को ढूंढने लगे, किसी के समझ में नहीं आ रहा था कि उनके साथ हो क्या रहा है।

"धाएँ...धाएँ... धाएँ... धाएँ... आ... ईईईईई ईईईआ", एक बार फिर से रेमिंग्टन 870 - 1951 मॉडल पंप एक्शन शॉट गन के धमाकों के बाद फिर से एक खतरनाक चीख़ सुनाई पड़ती है और दुबारा सब घने कोहरे की चादर को चीरते हुए अपने साथी के पास पहुंचते हैं उसका सिर धड़ से उखाड़ दिया गया था और उसके पेट को चीरकर उसकी अतड़ियों को बाहर निकाल दिया गया था, इस नज़ारे को देख कर सबकी आंखें खुली की खुली रह गई, उन सबको इस बात की हैरत हुई कि कोई निहत्था ऐसा कैसे कर सकता है। फिर भी सबने हिम्मत न हारते हुए हत्यारे को तलाश करना जारी रखा।

दो हत्याएं डेक पर हो जाने से लुटेरों के सरदार को डर सा लगने लगा था, उसने अपने साथियों को अब जोड़ों में तलाश करने का आदेश दे दिया था। उसके आदेश का पालन करते हुए लुटेरे जहाज में हत्यारे की तलाश करना शुरू कर दिया।

उधर तन्नू ने मौका पाते ही चालक दल के सदस्यों के साथ, एक बार फिर से डाइनिंग हॉल की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया था, उसने जहाज पर ही लुटेरों की मौत के बाद उनके हत्यार छुपा कर रखे हुए थे और उनकी सहायता से अब वह एक बार और डाइनिंग हॉल में कब्ज़ा जमाने वाले थे।

इधर कमांडर ने आज रात ठान लिया था कि उसे अपने हाथ लगने वाला एक भी लुटेरा नहीं छोड़ना है।

"एक तो इतनी ठंड ऊपर से से इस अज्ञात हत्यारे ने नाक में दम कर रखा है", एक लुटेरे ने तलाश करते समय अपने दूसरे साथी से कहा।

"हाँ यार बेमतलब का इस जहाज पर कदम रखा सरदार ने, ये एक मनहूसियत से भरा हुआ जहाज है या फिर इस जहाज पर कोई मनहूस साया है जो हम सब पर कहर बरसाए हुए है ", दूसरे लुटेरे ने अपने पहले वाले साथी से कहा।

" तुम्हें क्या लगता है कि ऐसा काम कौन करेगा, किसी भूत प्रेत या फिर किसी जानवर का हाथ होने की वजह से ही ऐसा हो सकता है, " पहले वाले लुटेरे ने अपने दूसरे साथी से कहा।

" मुझे इसमें जानवर की कोई उम्मीद नहीं लगती है क्यूँकि कोई भी जानवर इतना होशियार कभी नहीं हो सकता है कि अपने शिकार पर पूरी योजना के साथ हमला करे, मुझे तो कोई ताकतवर इंसान ही लगता है क्यूँकि भूत आजकल के ज़माने में कहाँ होते हैं", दूसरा लुटेरा अपने पहले साथी से कहता है।

इतने में उनके सामने कमांडर का सिर प्रकट होता है, जिसकी जलती लाल आँखो को देख कर उन लुटेरों की हालत नाजुक हो जाती है, डर ने ठंड में भी उनके माथे से पसीना बहा दिया था। कमांडर के धड़ ने बिना मौका गंवाए एक लुटेरे को उसके पीछे से उठाकर समुन्द्र में फेंक दिया और अगले के कुछ समझ पाने से पहले अपने धारदार नाखूनों वाले पंजों को उसके गले में घुसेड़ दिया। "आ... आ... ग", के दबे हुए दर्द नाक स्वर उसकी पीड़ा को साफ़ बता रहे थे, खून की तेज धारा उसके गले से बहना शुरु हो चुकी थी और उसके शरीर ने कमांडर के जानलेवा वार के सामने दम तोड़ दिया।

समुंद्र के पानी में लुटेरे को फेंकने से हुई आवाज का उसके कुछ साथियों ने पीछा किया और घटना स्थल तक पहुँचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, उनके दोनों साथी जान से हाँथ धो बैठे थे। लुटेरे हैरत में पड़ गए कि यह सब कुछ उनके साथ क्या हो रहा है, इससे पहले कि कोई समझ पाता एक बार फिर से

थाॅम्पसन सबमशीन गन्स - 1918 मॉडल की गोलियों की आवाज़ सुनाई पड़ती है "तड़... तड़... तड़ तड़ तड़ तड़ तड़... आ... आ... बचाओ... आ", साथ ही एक दर्द नाक मदद की पुकार भी सुनाई पड़ती है, जिसे सुन सब उस दिशा में भागते हैं पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

धीरे धीरे कमांडर इसी तरह हर लुटेरों को जहाज पर ख़त्म कर रहा था, लुटेरों का सरदार अब बुरी तरह झुंझला चुका था, हर तरफ उसके साथियों की लाशें ही बिखरी हुई थी, जहां भी लुटेरों का सरदार कोहरे के बादलों को चीरते हुए जा रहा था। लुटेरों की संख्या लगातार घटती जा रही थी।

"ये सब हो क्या रहा है इस जहाज पर, एक के बाद एक सभी लोग इतनी बुरी तरह कैसे मर सकते हैं, ये मेरी समझ में नहीं आ रहा है ", लुटेरों के सरदार ने गुस्से से आग बबूला हो कर कहा, उसके मन में एक अनजान भय ने जन्म ले लिया था, जिससे निकल पाना उनके लिए नामुमकिन था।

उधर तन्नू ने डाइनिंग हॉल में मौका पाते ही अरुण को एक ओर हो जाने का इशारा किया, अरुण के बात मानते ही तन्नू ने उन पांच लुटेरों पर हमला कर दिया, गोलीबारी की आवाज़ सुनते ही डेक पर जहाज के पिछले हिस्से से भागते हुए बचे लुटेरे डाइनिंग हॉल की ओर बढ़ने लगे। तन्नू और उसके साथियों ने मिलकर लुटेरों का जम कर मुकाबला किया। हर तरफ से हताश लुटेरे भागते हुए आगे पीछे हो गए जिसका कमांडर ने भरपूर फायदा उठाया और एक एक कर अपने सरदार के पीछे भागने वाले लुटेरों की बची कूची संख्या भी खत्म हो गई, लुटेरों के सरदार को जब यह एहसास हुआ तो पीछे पलट कर देखने लगा "अरे ये क्या हुआ मेरे सारे साथी कहाँ लापता हो गए, कोई भी नज़र नहीं आ रहा है, कहाँ मर गए सब के सब, कहीं उसी अज्ञात हत्यारे ने तो नहीं मार दिया सबको", उन लुटेरों के सरदार ने अपने आप से पूछा। अब यह जानकर कि वह अकेला बचा है उसकी हालत बुरी तरह खराब हो गई थी, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे, एक ओर उसके सारे साथी मौत के घाट उतार दिए गए थे और दूसरी तरफ डाइनिंग हॉल से लगातार गोलियों की आवाज़ सुनाई पड़ रही थी।

"क्या हुआ चक्कर में पड़ गया क्या" कमांडर ने भारी स्वरों में लुटेरों के सरदार से पूछा।

"क... क...कौन है, सामने आओ", लुटेरों के सरदार ने डर से अपनी रेमिंग्टन 870 - 1951 मॉडल पंप एक्शन शॉट गन इधर-उधर हर दिशा में घुमा कर देखा और उस अज्ञात आवाज़ से पूछा।

"निकल गया सारा हेंकड़ी तुम्हारा ", कमांडर ने एक बार फिर उससे अपनी भारी आवाज़ में कहा।

"धाएँ... धाएँ ...मैं कहता हूँ कौन है इधर, सामने क्यूँ नहीं आता है, मैं गोली मार दूँगा, धाएँ... धाएँ", लुटेरों के सरदार ने आवाज़ देने वाले को कोहरे के कारण न देख पाने की वजह से हवा में डर से इधर उधर ग़लत दिशा में फायर करते हुए कहा।

"टप... टप... टप", करके तीन बूंदे खून की उस सरदार के गालों पर गिरती हैं, वह उन्हें चेहरे से साफ करके ऊपर की ओर देखता है।

कमांडर ठीक उसके सिर के ऊपर हवा में उड़ रहा था, उसके खूनी पंजों से लुटेरों के रक्त की बूंदे टपक रही थी, दृश्य इतना भयानक था कि लुटेरों का सरदार देखते ही डर से जम सा गया। कमांडर का सिर अपने धड़ से अलग हो कर सरदार के ठीक सामने आकर उसकी आँखों में आँखें डालकर देखता है।

" य... य... ये क्या बला है, सिर अलग है धड़ अलग है", लुटेरों का सरदार उस भयानक दृश्य को देखकर डर से कांपते हुए कहता है।

"हम है कमांडर ब्राड शॉ, हमने हमारा समय में तुम्हारा जैसा कितना लुटेरा लोगों को ठिकाने लगाया है जिसका तुमको अंदाज़ा भी नहीं है, अच्छा खासा जहाज लंदन जा रहा था, तुम घुसपैठियों का दल जबर्दस्ती चढ़ कर हमारा यात्रा खराब किया, अब देर होगा या नहीं, अंग्रेजी हुकूमत अपना समय का पाबंदी के वास्ते जाना जाता था और रहेगा, 300 साल बाद लंदन जा रहा था हम और तुम इधर लूटने चला आया", कमांडर ने अपनी आंखों से निकलती तेज़ लाल किरणें उस लुटेरे की आँखो से टकराई और उसे हवा में उठाने लगा, देखते ही देखते लुटेरा हवा में टंग जाता है। फिर कमांडर का धड़ जो हवा में उड़ रहा था नीचे आता है और उस लुटेरे के दोनों पैरों को पकड़ लेता है। तब कमांडर का कटा सिर उससे कहता है "तीन सौ साल से इस पृथ्वी पर सबसे बड़ा लुटेरा भी हम ही था जिसने बेशकीमती कोहिनूर लुटा था मुग़ल सल्तनत से और सबसे बड़ा शिकारी भी हम ही था जिसने केवल नौ लोगों का सहारा लेकर चालीस लुटेरों का चार कर दिया था, आज उन्हीं दस लोगों का ताकत हमारा शरीर के अन्दर मौजूद है, जिसका नमूना हमारा धड़ दिखाने वाला है ", कमांडर का धड़ लुटेरों के सरदार के दोनों पैरों को चीर देता है।

" आ... ईईईई ",  लुटेरों के सरदार की ज़ोरदार चीख़ निकल जाती है, उसके शरीर से तेज़ खून की धारा बहने लगती है और शरीर दो हिस्सों में बंट जाता है। कमांडर उसे एक दर्द नाक अंत देता है, ऐसा दर्द नाक अंत जिसकी पीड़ा का एहसास शायद कोई नहीं करना चाहेगा।

उधर तन्नू भी जहाज के चालक दल के तीन सदस्यों के साथ मिलकर डाइनिंग हॉल में लुटेरों को ढेर कर देता है, तन्नू को सारे बन्दी सदस्य कंधे पर उठा लेते हैं, सभी को लग रहा था तनवीर ने ही अकेले अपने दम पर जहाज के सारे लुटेरों को ढेर किया है। सब लोग खुशी से नाच गा रहे थे, कोई भी ये नहीं जानता था कि कमांडर ने ये काम किया है क्यूँकि कमांडर सबके सच्चाई जानने से पहले वापस लगेज कंपार्ट्मेंट में जा चुका था और अपने ताबूत में आराम फरमाने के लिए चला गया।

©IvanMaximusEdwin