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बड़ी हवेली...

"शाहजहां ने अपने लिए एक विशेष सिंहासन बनवाया। इस सिंहासन को बनाने में सैयद गिलानी नाम के शिल्पकार और उसका कारीगरों का टीम को कोई सात साल लगा। इस सिंहासन में कई किलो सोना मढ़ा गया, इसे अनेकानेक जवाहरातों से सजाया गया। इस सिंहासन का नाम रखा गया तख्त—ए—मुरस्सा। बाद में यह 'मयूर सिंहासन' का नाम से जाना जाने लगा। बाबर के हीरे को भी इसमें मढ़ दिया गया। दुनिया भर के जौहरी इस सिंहासन को देखने आते थे। इन में से एक था वेनिस शहर का होर्टेंसो बोर्जिया। बादशाह औरंगजेब ने हीरे का चमक बढ़ाने के लिए इसे बोर्जिया को दिया। बोर्जिया ने इतने फूहड़पन से काम किया कि उसने हीरे का टुकड़ा टुकड़ा कर दिया। यह 793 कैरट का जगह महज 186 कैरट का रह गया... औरंगजेब ने दरअसल कोहिनूर के एक टुकड़े से हीरा तराशने का काम बोर्जिया को खुफ़िया रूप से दिया था और उसी कोहिनूर के हिस्से को शाह जंहा कि जेल की दीवार में चुनवा दिया गया था जिसकी सहायता से वह ताजमहल तथा अपनी अज़ीज़ बेगम की रूह को देखते थे ।

Ivan_Maximus_Edwin_9753 · Horror
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कमांडर इन एक्शन - 4

वो खतरनाक मौत कैबिन के अंदर प्रवेश करती है और उस कैबिन के बाथरूम का दरवाजा अपने आप खुल जाता है,

"ओ कमांडर आप हैं, मैंने तो सोचा लुटेरों ने मुझे भी ढूंढ लिया", घबराया हुआ तनवीर डर से कांपते स्वरों में कहता है।

"ये आपके हाथों में खून कैसा", वो अपनी बात जारी रखते हुए कमांडर से पूछता है।

"ये उन लुटेरों का खून है, जो इस समय जहाज पर अपना कब्ज़ा जमाए हुए हैं, तुम्हें हमारा मदद करना पड़ेगा, हम दोनों मिलकर इस जहाज से उनका नामो निशान मिटा देगा", कमांडर आक्रोश से भरे स्वर में तनवीर से कहता है, तन्नू भी उसकी मदद करने के लिए तैयार हो जाता है, कमांडर विस्तार से उसे अपनी योजना के बारे में बताता है और दोनों उसपर अम्ल करते हुए ऊपर डेक की ओर चल देते हैं।

उधर लुटेरों का सरदार जहाज के कैप्टन को सबक सिखाने के लिए उसे डाइनिंग हॉल में यातनाएँ देने में लगा हुआ था "क्यूँ बे हराम ज़ादे, तू हमसे ही सारा झूठ बोल ले, लगैज कंपार्ट्मेंट में व्यापारियों का इतना माल भरा पड़ा है कि उसमें से अगर थोड़ा हमलोग लूट लें तो किसी को कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता, पर उसके लिए तू जान देने को तैयार है", वो  कैप्टन के बालों को पकड़कर उसका सिर चारो दिशाओं में गोल गोल घुमाते हुए कैप्टन से कहता है।

" चाहे जान ही क्यूँ न चली जाए, पर अपनी नौकरी पर आंच नहीं आने दूँगा ", जहाज का कैप्टन उस लुटेरे को जवाब देता है।

" तो चल फ़िर तेरी जान इस शरीर से बाहर ही निकाल देते हैं", इतना कहते ही समुंद्री लुटेरों का सरदार अपनी रेमिंग्टन 870 - 1951 मॉडल पंप एक्शन शॉट गन तान देता है।

तभी अचानक जहाज के हर क्षेत्र की लाईट ऑफ हो जाती है।

" अरे ये क्या हुआ, बत्ती क्यूँ गुल हो गई, ज़रा जाकर देखना क्या हुआ ", लुटेरों का सरदार जहाज की बत्ती गुल हो जाने पर अपने साथियों से कहता है, दो लोग टार्च लिए डाइनिंग हॉल के बाहर निकल जाते हैं। डाइनिंग हॉल में बैठे कुछ कर्मचारियों ने लुटेरों के सरदार का आदेश पाते ही हॉल की ईमर्जेंसी लाइट ऑन कर देते हैं, अब हॉल में सब कुछ देखने लायक रोशनी मौजूद थी।

रात काफ़ी काली होने के साथ साथ कोहरे की चादर से ढकी हुई थी, जहाज के पिछले हिस्से में कुछ लुटेरे गश्त लगा रहे थे कि अचानक उन्हें दो लाल रोशनी जलते हुए दिखाई पड़ती। इससे पहले कि घने कोहरे में वह कुछ समझ पाते कि क्या हो रहा है, कमांडर की कटी हुई खोपड़ी अपनी आंखों से कहर ढा देती है और उन चारों लुटेरों की खोपड़ी तरबूज की तरह फट जाती है, डेक पर चारों तरफ़ खून ही खून बहने लगता है।

तन्नू भागते हुए वहाँ पहुँचता है और कमांडर को जहाज के साथ चल रहे लुटेरों के yacht के आकार के छोटे जहाजों को दिखाता है।

"हम सारा माजरा समझ गया अगर इन छोटे जहाजों से पीछा छुड़ा लिया जाए तो मुश्किल वक़्त में लुटेरों तक पहुंचने वाला मदद उन्हें नहीं मिल पाएगा", कमांडर लुटेरों के उन छोटे जहाजों को देखते हुए कहता है जो उनके जहाज को चारों दिशाओं से घेरकर उसके साथ साथ चल रहे थे।

कमांडर अपने सिर को धड़ से अलग करके कहता है" अब देखो कमाल ", इतना बोलते ही कमांडर अपने सिर को उन जहाजों की तरफ़ हवा में फेंक देता है।

" अरे ये दो लाल रोशनी कैसी चमक रही है", घने कोहरे के कारण ठीक से देख पाने में असफल एक जहाज चालक अपने साथी से कहता है।

"रुको मैं जाकर देखता हूँ," उसका साथी कैबिन से बाहर निकल कर उस रोशनी की दिशा में देखता है। तभी अचानक दो तेज़ किरणे कमांडर की आँखो से निकलती हैं और उस जहाज के तेल की टंकी से टकरा जाती हैं।

"कड़ ड़ड़...ड़ ड़ड़ड़...बम", एक तेज़ धमाके के साथ लुटेरों का एक छोटा जहाज विस्फोट का शिकार हो जाता है।

सभी लुटेरों का ध्‍यान उस छतीग्रस्त जहाज पर पड़ता है।

"ये कैसे हुआ होगा, अचानक अपने आप कैसे उड़ गया", लुटेरों के दूसरे छोटे जहाज का एक चालक अपने साथी से कहता है।

" अरे कुछ नहीं सालों ने सिगरेट पीने के बाद फ़ेक दिया होगा, विस्फोटकों में आग लगने के कारण उड़ा दिया जहाज, उस जहाज पर सरदार ने वक़्त पर काम आने वाले विस्फोटक रखवाए थे, इसलिए मैं सिगरेट नहीं पीता, लोग कैंसर से मरते हैं और ये दोनों जलती सिगरेट का शिकार हो गए", जहाज के चालक से उसके साथी ने कहा।

तभी अचानक कमांडर का कटा हुआ सिर अपनी दो लाल चमकती आँखो के साथ उनके जहाज के सामने उन्हें दिखाई पड़ता है।

" आ...आ ईईईई... ह... ह...हे भगवान ये क्या है, य...य...ये तो किसी आदमी क...का कटा हुआ सिर है, य... ये यहाँ बीच समुन्द्र में क्या कर रहा है ", इस दिल दहला देने वाले नज़ारे को देख कर उस जहाज चालक की ज़ोरदार चीख निकल जाती है और वह जहाज को ग़लत दिशा में मोड़ देता है जिससे जहाज दिशाहीन होकर सीधा दूसरे जहाज से जा टकराता है और फिर से एक ज़ोरदार धमाका सुनने को मिलता है" कड़ ड़ड़ड़ड़ड़... बूम "। चारों ओर दोनों जहाजों का मलवा समुन्द्र में बिखर जाता है।

घने कोहरे और समुंद्र में उठती तेज़ लेहरों की आवाज़ के बीच इन जहाजों के विस्फोट की आवाज़ दब सी गई थी शायद यही वजह थी कि डाइनिंग हॉल में बैठे लुटेरों का सरदार इससे बेखबर था।

जहाज के दायीं ओर चल रहे लुटेरों के पाँच जहाजों में से अब केवल दो जहाज ही शेष बचे थे जिन्हें कमांडर के सिर ने कुछ समय के लिए ज़िंदा छोड़ दिया था और जहाज के बायीं ओर के एक जहाज के कैबिन में प्रवेश कर लिया था।

"ऊ ईईईई... माँ... ये क्या बला है", इतना बोलते ही जहाज का चालक अपने कैबिन में कमांडर के कटे हुए सिर को देख बेहोश हो जाता है, उस जहाज पर बाकी के लुटेरे भी दहशत के मारे पानी में कूद पड़ते हैं, जहाज चालक के बेहोश हो जाने के कारण दिशा हीन होकर दूसरे जहाज से टकरा जाता है और फिर से एक ज़ोरदार धमाके के साथ दोनों जहाज के चीथड़े समुंद्र में बिखर जाते हैं।

"अरे ये क्या हुआ, अपने आप कैसे एक दम से दोनों जहाज टकरा गए, अब तक तो दोनों बिलकुल सही तरीके से चल रहे थे ये अचानक क्या हो गया", दोनों जहाजों को टकराता देख एक लुटेरा अपने साथी से कहता है।

"सरदार ने नौसीख्‍यों को भर्ती जो कर लिया है अपने समूह में, अब बचकानी हरकतें दो दिखाएंगे ही, कहा था आदमी ज़रा सोच समझ कर भर्ती किया करो, देखना एक दिन हम सबके ऊपर आफ़त आ जाएगी अगर हमारे सरदार ने लूट से पहले अपने गिरोह के लिए होशियार आदमियों की भर्ती न की तो" दूसरे लुटेरे ने आपत्ति जताते हुए कहा।

" बिलकुल सही कह रहे हो... अरे ये क्या चीज़ हवा में उड़ रही है... वो देखो उधर ", उस लुटेरे का साथी अपनी बात कह ही रहा था कि अचानक उस घने कोहरे में उसे दो लाल आँखें चमकती हुई दिखाई पड़ती हैं। उसे देखते ही दोनों अपनी थाॅम्पसन सब मशीन गन्स-1918 मॉडल से फ़ायर कर देते हैं" तड़... तड़... तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़ तड़... तड़ तड़ तड़ तड़ तड़... तड़ तड़", उन दोनों के अंधाधुंध गोलीबारी करने से कमांडर को तो कोई नुकसान नहीं पहुँचता है लेकिन साथ चल रहे उनके साथी जहाज के सारे सदस्य उनकी गोलीबारी का शिकार हो जाते हैं और उनका जहाज दिशाहीन होकर उसी जहाज के सामने से  रास्ते में आ जाता है जहां से गोलियां चलाईं गईं थीं। फिर से एक उस कोहरे से भरी रात और अशांत समुंद्र में ज़ोरदार विस्फोट होता है "कड़ ड़ड़ड़ड़ड़... बूम"।

इस हादसे को देख बायीं ओर बचा आखरी लुटेरों के जहाज का चालक घबरा सा जाता है कि अचानक ऐसा कौन सा पहाड़ टूट पड़ा उसके साथियों के सिर पर जो एक एक कर के सारे जहाज आपस में टकरा कर ख़त्म हो रहे हैं। तभी उनके जहाज के कैबिन में कमांडर के कटे सिर का प्रवेश होता है।

कमांडर के दिल दहला देने वाला रूप उनके दिलों में दहशत पैदा करने के लिए काफ़ी था कि तभी अचानक उनका चालक डर के मारे अपने बाकी के साथियों को जहाज पर छोड़ समुंद्र में छलाँग लगा देता है, उसकी इस हरकत के कारण जहाज दिशा खो बैठता है और दूसरी तरफ चल देता है लेकिन उस पर कुछ लुटेरे अब भी ज़िंदा थे जो कमांडर के सिर पर अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे थे, पर शायद कमांडर के सामने उनके घातक हथियार भी बे असर थे और कमांडर के कटे सिर ने उन सभी पर कहर ढा दिया था। चीख पुकार के साथ उन सभी लुटेरों ने एक एक कर के अपने प्राण गंवा दिए।

तन्नू जहाज के पिछले डेक पर खड़ा कमांडर के धड़ साथ ये सारे हादसे होते देख रहा था, लुटेरों को उनके किए की सज़ा बराबर मिल रही थी, जहाज के बायीं ओर सारे लुटेरों के छोटे जहाजों को खत्म करने के बाद कमांडर का कटा हुआ सिर धड़ के पास वापस पहुंचा और धड़ से जुड़ गया। कमांडर का शरीर देखते ही देखते हवा में उड़ने लगा और जहाज के दायीं ओर बचे दोनों जहाजों के पीछे चल दिया।

"मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि आज हो क्या रहा है, आज जो हादसे हो रहे हैं ऐसा होते मैंने पहले कभी नहीं देखा", लुटेरों के एक जहाज चालक ने अपने बाकि के साथियों से कहा।

"अरे कुछ नहीं सरदार ने लूट से पहले पुराने लोग न मिल पाने के कारण नये लोगों को भर्ती करके एक मौका दिया था जिसका नतीजा आज सभी के सामने है ", दूसरे लुटेरे ने चालक की कही बातों का जवाब देते हुए कहा।

वहीं बैठा एक और लुटेरा उनकी बातें सुनकर खुद को रोक नहीं पाया और बोला" मैं तो कहता हूँ इस बार चुनाव करवा कर सरदार ही बदल दो, वैसे भी इस सरदार से समूह को कोई ख़ास फायदा तो हो नहीं रहा है, सरदार बदलने पर हो सकता है कि कुछ बढ़ियां नतीजा सामने आए"।

"ठीक ही कह रहे हो ऐसे भी सरदार का निर्णय कुछ ख़ास सफ़ल नहीं होता है अब आज ही देख लो, पूरे 16 जहाजों ने इस जहाज को रोककर लूटा, जहाज पर कब्ज़ा जमाते ही बाकि छः जहाजों के लुटेरों को वापस जाकर अड्डे पर इंतज़ार करने को कहा जबकि आज इधर उनकी ज़रूरत थी", पहले वाले लुटेरे ने अपने सरदार के निर्णय को गलत साबित करते हुए अपने साथियों से कहा।

" अरे वो सब तो बाद की बात है, यह सोचो की आज रात अचानक ऐसा क्या हुआ जो जहाज के वायरलेस ने काम करना बंद कर दिया, न तो इस हादसे की रिपोर्ट सरदार तक पहुँचाई जा सकती है और न मदद के लिए गुहार लगाई जा सकती है, ऊपर से इतना घना कोहरा छाया हुआ है कि जहाज पर अब तक किसी ने हो रहे विस्फोटक हादसों को देखा तक नहीं वर्ना अब तक तो जहाज रोक ही देते सरदार ", जहाज के चालक ने अपने साथियों से आपत्ति जताते हुए कहा और जहाज चलाने लगा।

तभी अचानक एक ज़ोरदार आवाज़ सुनाई पड़ती है" धड़ाक", ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो उनके जहाज के छत पर कोई भारी चीज़ गिरी है।

" मैं जाकर देखता हूँ ", एक लुटेरा अपने बाकि के साथियों से कहते ही कैबिन से बाहर की ओर देखने निकल पड़ता है।

"धाएँ... धाएँ... आ ईईईईई या... आ, कोल्ट. 38 की गोलियों के धमाकों के साथ एक दर्द नाक चीख़ निकल पड़ती है, चीख़ इतनी दर्द नाक थी कि जहाज के कैबिन में बैठे लुटेरे बाहर निकल कर देखते हैं। बाहर आते ही उन्हें उनका साथी मृत अवस्था में मिलता है जिसकी आँखे बाहर की ओर निकल चुकीं थीं और पेट फटा हुआ था जिसे कमांडर ने अपना एक हाथ घुसा कर फाड़ दिया था, लेकिन कमांडर का कोई अता पता नहीं चल पाया।

"आ... आ... ये क्या है... आ," अचानक एक ज़ोरदार चीख़ दुबारा सुनाई पड़ती है, वो लुटेरे वापस कैबिन की ओर भागते हैं जहां पहुँचते ही उन्हें यह पता चलता है कि उनके जहाज चालक की डर के कारण मृत्यु हो चुकी है और उनका जहाज अपनी दिशा बदल कर लुटेरों के ही जहाज को टक्कर मारने जा रहा है, उन सभी ने मिलकर बहुत कोशिश की जहाज बचा लें लेकिन शायद बहुत देर हो चुकी थी, उनका जहाज अपने साथी जहाज को लिए लिए मर्चेंट नेवी के जहाज को ज़ोरदार टक्कर मारते हुए धमाके के साथ उड़ जाता है। दोनों जहाज के चीथड़े समुन्द्र में बिखर जाते हैं। टक्कर की मार और ज़ोरदार धमाका होने की वजह से जहाज में कंपन होने लगता है, कंट्रोल रूम में खतरे का सायरन एक बार फिर से बज उठता है। लुटेरों का सरदार डाइनिंग हॉल से निकलकर डेक पर आता है, जहाँ उसे पता चलता है कि उसके सारे साथी जहाज ख़त्म हो चुके हैं लेकिन कैसे और किस तरह से ख़त्म हो गए, ये उसकी भी समझ में नहीं आता है। वह इस घटना को देखकर बौखला सा जाता है।

लुटेरों का सरदार जहाज पर ज़ोरदार टक्कर लगने की वजह से और अपने जहाजों के छतिग्रस्त हो जाने की वजह से क्रोध में आ जाता है, उसके सारे आदमी जहाज पर फैल जाते हैं। तनवीर की हालत खराब हो जाती है कोहरे में टार्च की रोशनियों को अपनी ओर आता देख कर, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि जहाज के किस हिस्से में जाकर छुपे इतने में कमांडर तेजी से तनवीर को हवा में उड़ा कर ले जाता है, लुटेरे टार्च की रोशनी में जहाज का चप्पा चप्पा छान मारते हैं लेकिन उन्हें किसी के होने का कोई सुराग नहीं मिलता है। कोहरा घना होने के कारण ज़्यादा दूर तक देख पाने असमर्थ लुटेरे अपने ही सिरों के ऊपर उड़ते कमांडर और उसे पकड़ कर लटका हुआ तनवीर नहीं दिखता है। उन्हे अपने साथी जहाज भी दिखाई नहीं देते हैं, वो ये देखकर काफ़ी हैरान हो जाते हैं और इस घटना के बारे में अपने सरदार को बताते हैं।

सरदार भी इस विषय को लेकर काफी चिंतित हो जाता है कि अचानक उसके सारे जहाज कहाँ गायब हो गए, सभी अनुमान लगाते हैं कि हो न हो ये किसी खतरनाक शार्क मछली या किसी समुंद्री जीव का ही काम होगा, जिसे देख उनके सारे साथी जहाज लेकर इधर-उधर हो गए होंगे और कुछ जहाज दुर्घटना ग्रस्त हो गये होंगे, अगर कुछ जहाज इधर-उधर हुए भी होंगे तो सुबह मौसम साफ़ होने पर उनके पास पहुंच ही जाएंगे। ये सोचकर उनके मन को थोड़ी राहत मिली पर उन्हे क्या मालूम था कि कमांडर ने एक भी जहाज नहीं छोड़ा है और न ही उनका कोई साथी बचा है, जो कमांडर से दहशत खा कर समुन्द्र में कूद गए थे वह भी ठंड से जमा देने वाले समुन्द्र के पानी में जम गए होंगे।

"सरदार जब से हमलोग इस जहाज पर आए हैं कुछ अच्छा नहीं हो रहा है, मुझे तो ऐसा लगता है आज का दिन ही सही नहीं था या फिर ये एक मनहूस जहाज है", एक समुंद्री लुटेरा अपने सरदार के सामने अपनी बात को प्रकट करता है।

"ये तो मानना पड़ेगा कि आज का दिन कुछ सही नहीं था पर जहाज को तो बस लूटना था अब ये मनहूस है कि नहीं ये नहीं कहा जा सकता है, लुटेरा बनने के इतने सालों बाद मैंने ऐसा कुछ होते पहली बार देखा है, अब तक जो कुछ भी हुआ था उसमें नुकसान हमारा नहीं बल्कि इस जहाज पर काम करने वालों का हो रहा था पर अब जो हो रहा है उसमें हमारा नुकसान हुआ है, हमारे कुछ साथी जहाज घने कोहरे के कारण रास्ता भटक कर शायद पीछे रह गए और दो तीन जहाज शायद उस समुंद्री जीव के कारण आपस में टक्कर मार कर दुर्घटना का शिकार हो गए, जिसका झटका हम सभी ने इस जहाज पर भी महसूस किया", लुटेरों के सरदार ने अपने बाकि के साथियों को समझाते हुए कहा।

" ज़रा जहाज के कंट्रोल रूम में जाकर, बिजली के कनेक्शन को चेक करो, आखिर अब तक लाइट क्यूँ नहीं आई, " लुटेरों के सरदार ने अपनी बात जारी रखते हुए अपने साथियों को लाइट चेक करने का दुबारा आदेश दिया। उनमें से दो जहाज के सबसे ऊपर स्थिति कंट्रोल रूम कि तरफ़ बढ़े, जो कैप्टन के कंट्रोल कैबिन से सटा हुआ था, पर उनके वहां तक पहुंचने से पहले ही जहाज की लाइट दुबारा वापस आ जाती है। लुटेरों का सरदार अपने साथियों समेत डाइनिंग हॉल में वापस चला जाता है। लाइट वापस आते ही कमांडर और तन्नू भी जहाज पर वापस अपनी योजना को अंजाम देने के लिए छुप जाते हैं और कुछ देर यूँ ही छुपे रहने के बाद दोनों दबे पांव जहाज के इंजिन रूम की ओर आगे बढ़ते हैं।

"एक तो घना कोहरा ऊपर से अशांत लहरें ऐसे में हमेशा यही डर लगा रहता है कि कहीं जहाज किसी आइस बर्ग से न टकरा जाएं," चालक दल का सदस्य इंजिन कंट्रोल रूम में अपने एक साथी से कहता है।

"बिलकुल सही कह रहे हो, समुन्द्र का ये हिस्सा जगह जगह पर आइस बर्ग के बड़े बड़े टुकड़ों को अपने में समेटे हुए है", चालक दल का दूसरा साथी उसकी बात पर सहमति जताते हुए कहता है ।

" इस जहाज को सुरक्षित रूप से इसकी मंज़िल तक लेकर जाने की ज़िम्मेदारी तुम्हारी है, फिर चाहे आइस बर्ग आए या कोई दूसरा पहाड़, क्या फर्क पड़ता है, तुमलोग आखिर इतनी तनख्वाह किस बात की ले रहे हो ", चालक दल के उन दोनों बंदियों से AK-47-1948 मॉडल गन लिए एक लुटेरा कहता है।

" सरदार ने भी जहाज के कैप्टन को डाइनिंग हॉल में बन्दी बना कर रखा है और इन नौसिखीयों को जहाज चलाने के लिए दे दिया है, अगर ये दिशाहीन हो गए तो जहाज लंदन के बजाय अमेरिका पहुँचा देंगे... हा... हा... हा", दूसरे लुटेरे ने इंजिन कंट्रोल रूम में बैठे साथियों से कहा और ठहके मारने लगा।

" घने कोहरे के कारण कुछ भी देख पाना मुश्किल होता है, इसमें इतना हंसने वाली क्या बात है, कैप्टन के रहने से थोड़ी राहत होती है, उनका तजुर्बा काम आता है," चालक दल के सदस्यों में से एक ने उन लुटेरों से कहा।

"अबे तो तुमलोगों की भर्ती क्यूँ कर लेते हैं, कुछ सीखो अपने कैप्टन से, इतने सालों से क्या उसके साथ झक मार रहे थे कि पापा आएंगे उंगली पकड़ कर जहाज चलाना सिखाएँगे, पापा जो आकर बेटे की उंगली पकड़कर जहाज चलाना सीखने वाले थे वही उंगली बेटा तुम अपने होटों पर रख कर चुपचाप जहाज चलाओ, नहीं तो हमारी बंदूक बोलती बंद कर देगी,

यहाँ इनका कोई नौकर बैठा है जो इनके कैप्टन पापा को बुलाकर लाएगा ", एक लुटेरे ने उसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा।

अचानक उस इंजिन रूम में मौजूद हर सदस्य के कानो में एक अनजान सीटी की मधुर धुन सुनाई पड़ती है, उन सभी को आश्चर्य हुआ, उन लुटेरों में से एक ने उस मधुर धुन का पीछा करना शुरू किया, कुछ देर के लिए वह इंजिन कंट्रोल रूम के बाहर दरवाजे पर खड़ा रहा फिर वह आगे की ओर बढ़ा। घना कोहरा होने के कारण नज़दीक का कुछ भी देख पाना असंभव था, इसलिए वह लुटेरा सिर्फ सीटी की मधुर धुन ही सुनकर उसके पीछे हो लिया।

©IvanMaximusEdwin