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द किंग'स अवतार

ऑनलाइन गेम ग्लोरी में, ये शिऊ को एक ज़बरदस्त और शीर्ष-स्तरीय खिलाड़ी माना जाता था। लेकिन असंख्य कारणों की वजह से उसे टीम से बाहर कर दिया गया। प्रोफेशनल खेलना छोड़ने के बाद, वह एक प्रबंधक के रूप में इंटरनेट कैफे में काम करता है। जब ग्लोरी ने अपना दसवां सर्वर लॉन्च किया, तो उसके पास दस साल के गेमिंग अनुभव के साथ एक बार फिर खुद को खेल में झोंकने का मौका आया। अपने साथ अपने अतीत की यादें और एक अधूरा, स्व-निर्मित हथियार लेकर, शिखर पर जाने के रास्ते पर उसकी वापसी शुरू होती है! "लड़ने और योजना बनाने के बाद, किसने मेरी महिमा छीन ली? हवा और तूफ़ान के उछाल के बाद भी, मेरे सपने अब भी दिखाई देंगे जैसे कि वे कभी बिखरे ही नहीं थे। अपने सारे वैभव के साथ, मेरा रास्ता कभी नहीं गुमेगा। सबकी नज़रों के सामने, मैं दुबारा लौटूँगा!"

Butterfly Blue · Games
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90 Chs

सीधे ऊपर से उड़ जाना

Translator: Providentia Translations Editor: Providentia Translations

नील नदी संघ के खिलाड़ी पीछे से पीछा कर रहे थे। और आगे, औषधि उद्यान के खिलाड़ी उभर के सामने आ गये। भयावह महत्वाकांक्षा शंका में डूब गया जहाँ आगे से पीछे तक दबाव में थे।

"जादूगर" ये क्सिऊ ने कहा।

जादूगर ने तुरंत ही ज्वलंत धमाके का इस्तेमाल किया और सरगना एक बार फिर टैंक के साथ फट गया। गोब्लिन व्यापारी तुरंत ही जादूगरों की तरफ बढ़ गया, जो की जंगल के दाहिने ओर थे।

"ये जानबूझकर कर किया गया है" नीलधारा और अन्य अब पूरे विश्वास से कह सकते थे।

"क्या वो पूर्व में भागेंगे?" गोलू नाविक ने तय किया।

"पूर्व में जाओ!" नीलधारा ने अपनी पार्टी को पूर्व में जाने के आदेश दिए और वो खुद भी सही समय पर भागने को तैयार था।

"अगर तुम भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ियों से मिलों तो शराफत से पेश न आना" नीलधारा ने आदेश दिया।

"जरूर, हम शराफत नहीं दिखायेंगे" सभी ने घोषणा की।

जब वे पूर्व की तरफ भाग रहे थे, सभी लोग पेड़ के पीछे भी ध्यान दे रहे थे। वे सभी उम्मीद में थे कि यदि पेड़ के पीछे कोई भयावह महत्वाकांक्षा का खिलाड़ी मिला तो अभ्यास हो जायेगा। अंत में, एक ही चीज जो उन्हें मिली वो थे छोटे गोब्लिन। उन्हें एक भी भयावह महत्वाकांक्षा का खिलाड़ी नहीं मिला। भयावह महत्वाकांक्षा के जो खिलाड़ी दिखे भी वो गोब्लिन व्यापारी से भी ज्यादा दूर थे।

उनके सामने खड़े औषधि उद्यान के खिलाड़ी भी पीछे नहीं रहना चाह रहे थे। इसलिए जब नील नदी संघ के खिलाड़ियों ने अपनी दिशा बदली, उन्होंने भी नील नदी संघ के साथ भागते हुए, पूर्व को चल दिए।

जब दोंनो संघ दिशा बदल रहे थे, गोलू नाविक अचानक से चौंक गया: "वो हमे गुमराह करने की कोशिश नहीं कर रहे है, है न?"

नीलधारा को भी लगा कि कुछ सही नहीं है, "कुछ खिलाड़ी लो और पश्चिम की दिशा में जाओ"

गोलू नाविक ने तुरंत ही कुछ खिलाड़ी चुने। नील नदी संघ मजबूरन दो भाग में बंट गयी। एक पूर्व दिशा में पता लगाने गयी तो, दूसरी पश्चिम में पर्दा फाश करने गयी।

औषधि उद्यान ने भी तुरंत ही उसी तरह से जवाब दिया और अपनी एक टुकड़ी को पश्चिम में भेजा। जिन्हें हालात समझ नहीं आ रहे थे, उन्हें यही लगता था कि ये दो दल साथ थे। असल में, वो बिलकुल भी साथ नहीं थे। दोनों ही दल खुश होते, अगर दूसरा दल गलती करता तो।

गोब्लिन व्यापारी जो जादूगर के साथ भाग रहा था वो अचानक ही वापस आती एक लहर से टकरा गया। वो सरक कर काफी पीछे चला गया और फिर एक बन्दूक की आवाज सुनाई दी। गोब्लिन व्यापारी एक बार फिर झिझक के साथ पलट गये।

जैसी उम्मीद थी, यह सही में गुमराह किया गया था। नील नदी संघ और औषधि उद्यान के खिलाड़ी, जिन्होंने भी ये दृश्य देखा, सभी के दिल तेजी से धड़कने लगे। इससे भी ज्यादा गोब्लिन विकट देव की ओर तेजी से भाग रहा था।

धत्त!

किसने सोचा था कि दूसरा टैंक जो फटेगा और जो हमला झेलेगा, वो विकट देव ही होगा। यह आदमी उत्तर की और भागा। हालांकि औषधि उद्यान ने अपनी सेना को पूर्व और पश्चिम में बाँट दिया था, अभी भी समय था कि एक होकर, दुश्मन के रास्ते को फिर रोक दिया जाए। अगर वो दौड़ते रहे तो क्या वो धातु की दीवार पर नहीं दौड़ रहे होंगे?

"वो किस तरह की चाल चलने वाला है?" जो भी खिलाड़ी सोचना पसंद करते थे वो विकट देव की सोच का जायजा ले रहे थे।

"वो जरूर ही रास्ता बदलेगा, है न?" किसी खिलाड़ी ने सोचा।

औषधि उद्यान इस पर और भी गम्भीरता से विचार कर रहा था। आखिरकार, वो वहां उसका रास्ता रोकने आये थे। पूर्व हो या पश्चिम या असली दिशा, वो कहाँ इंतजार कर सकते थे?

अंत में, पेड़ के अंकुर ने बेबस होकर अपने दल को तीन टुकड़ियों में बाँट दिया। उनके पास विकल्प नहीं था: अगर दूसरा दल दूसरा टैंक दगाना चाहते थे, तो वो दूसरा टैंक दगा सकते थे। जो भी रास्ता वो गोब्लिन व्यापारी को ले जाना चाहते थे, वो हर उस रास्ते गया। वो तीनों ही तरफ से अब रास्ता रोक सकते थे।

वो किस तरफ से जायेगा?

हर किसी के मन में इस तरह के सवाल थे, और उनका ध्यान गोब्लिन व्यापारी के रास्ते की ओर था। अंत में उन्हें कोई बदलाव नहीं दिखा। उन्होंने देखा कि विकट देव ने गोब्लिन व्यापारी को सीधे ही औषधि उद्यान के रोके हुए जगह पर ले गया।

औषधि उद्यान के पास भी दर्जन भर से ज्यादा खिलाड़ी थे। उन्होंने जल्द ही एक आधा गोला नुमा आकार बना लिया। लम्बी दूरी वाले बंदूकबाज वर्ग के खिलाड़ी ने पहले ही बन्दूक तान ली थी और गोली चला दी। मायावी वर्ग के लोग जादू फ़ैलाने लगे।

विकट देव अचानक उछला। बंदूकबाजों ने अपना निशाना साधा। पर अंत में, उन्होंने विकट देव को 180 डिग्री हवा में घूमते देखा और अपनी और मुड़ी उसकी तशरीफ़ देखी।

तशरीफ़ फिर तशरीफ़ होती है। बन्दूकबाजों ने इसकी परवाह नहीं की और उसकी तशरीफ़ की तरफ ही निशाना लगाया।

गोली की आवाज।

बंदूकबाजों के मन में इज्जत आने लगी। इतनी तेज कौन निशाना लगाता था? क्या रफ़्तार थी!

फिर उन्होंने विकट देव को क्षितिज की और फिसलता दिखा।

"धत्त, ये उसकी हवाई आग है" सारे बंदूकबाज डर के मारे चीखने लगे। हवाई आग में, जितने तेज वापसी के झटके की रफ़्तार होगी, उतनी ही तेज उड़ोगे। विकट देव की बन्दूक को कम से कम एक राइफल दर्जे की होनी ही थी। सारे बन्दूकबाजों ने अपनी बन्दूक उठाई उअर गोलियां चलाई। पर अंत में, वो सिर्फ हवा से टकराई।

विकट देव की तशरीफ़ एक ही झटके में उनके सर तक पहुँच गयी। फिर उन्होंने विकट देव को पलटते देखा।

एक ठंडी रोशनी चमकी और विकट देव ने अपनी कटार बीच हवा में ही निकाल ली।

"गिरती हुई तलवार! तुरंत पीछे हटो" खड्ग प्रधान ने चौकाया।

उनका फैसला गलत नहीं था। एक बार और हल्की सी रोशनी चमकी। ये सटीकता पूर्ण रवैया जरूर खड्ग प्रधान की कुशलता गिरती हुई तलवार थी। ये दर्जन भर औषधि उद्यान के खिलाड़ी सामान्य खिलाड़ी नहीं थे। सभी लोग पीछे की तरफ कूद पड़े। एक चमकदार रोशनी जमीन पर गिरी और एक छोटी से रोशनी की किरण पलटी। पर दर्जन भर खिलाड़ी पहले ही लहर के दायरे से बाहर जा चुके थे।

"आगे बढ़ो" कोई चिल्लाया। उस हल्की रोशनी के बिखेरने के बाद, एक ही पल में, दर्जनों खिलाड़ी आगे की और भागे।

विकट देव का बहुरंगी छाता हिला और छाता खुल गया। अब वह भाले की तरह नहीं दिखा रहा था। 1/3 छाते की डंडियाँ उसी समय टूट गयी। बचा हुआ 2/3 छाता कैंची की तरह मुड़ गया था। उसी समय, छाते का मुहाना इतनी तेजी से बाहर निकला जैसे कटार पर 2/3 निकल कर ही थम गया। अंत में,उस छाते के डंडे की लम्बाई बहुत ज्यादा थी।

इस बदलाव ने ज्यादा समय नहीं लिया। उसके इर्द गिर्द खड़े खिलाड़ियों ने केवल एक झिलमिलाहट देखी और विकट देव का हथियार बिलकुल ही दूसरे रूप में बदल गया। वो पूरी तरह से हथियार का ब्यौरा तो नहीं दे सकते थे पर वो कुछ...

उसकी बाहें झूली और बहुरंगी छाता पूरा 360 डिग्री का गोलाई में घूमा। जब शुरुआती बिंदु और अंतिम बिंदु मिल गये तब गोले से अचानक नीली रोशनी निकलने लगी।

"धत्त, चढ़ता हुआ निशान" एक खिलाड़ी आखिरकार चिल्लाया।

इस समय, उसके इर्द-गिर्द खड़े खिलाड़ी थोडा पीछे की और सरके। घूमते हुए नीले गोले से अचानक रोशनी चमकी और हल्के नीले रंग के छल्ले और बड़े होकर निकलने लगे। वो सही समय पर झुककर बच नहीं सके और हवा में उड़ा दिए गये।

पंडित वर्ग की जादुई कुशलता: चढ़ता हुआ निशान।

इस कुशलता के जादुई नुकसान थे और चढ़ते निशान के अंदर सारे खिलाड़ी धराशायी हो जाते थे।

जिस समय तक दर्जन भर खिलाड़ी जमीन पर गिर चुके थे, विकट देव उनके घेरेबंदी को तोड़ कर निकल चुका था। कुछ खिलाड़ियों ने बहुत प्रयास किया विकट देव पर बीच हवा में हमला कर सके। पर धराशायी होने की स्थिति में, लक्ष्य लगातार हिल रहा था और उस पर निशाना लगाना कठिन था। हर कोई इसे नहीं कर सकता था। अंत में, सभी के प्रयास बेकार हुए और उनसे कोई डरावना असर भी नहीं निकला।

हालांकि सभी खिलाड़ी त्वरित ठीक हो गये, गिरने के बाद, जिससे उनके औषधि उद्यान के खिलाड़ी होने के गुण दिख रहे थे।

पर जब वो लुढ़कते हुए उठ रहे थे, उन्होंने अपने घेरे में एक ग्रेनेड देखा।

एक धमाका हुआ और दर्जनों खिलाड़ी इस ओर से उस ओर बिखर गये। उठते हुए धुंएँ के बीच से, गोब्लिन व्यापारी अपना बस्ता लेकर उठा और आराम से आजाद होकर उनके बीच से निकल गया।

सभी के गाल आंसुओं से भीग गए। गोब्लिन व्यापारी का हमला उनके पात्र पर केन्द्रित नहीं था। वो धमाका जाहिर तौर पर उनके लिए नहीं था। साफ़ तौर विकट देव ने जानबूझकर गोब्लिन व्यापारी को उन पर फेंका था। गोब्लिन व्यापारी ने विकट देव की मदद क्यों की? वो उन पर ईंट क्यों नहीं फेंका? क्या उसे एक ए.ओ.ई ग्रेनेड फेंकना था?