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रहस्यमई किला

एक बहुत ही सुंदर किला ,उसकी कलात्मक बनावट को देखकर कोई भी उस पर मोहित हो जाता था।

देखने में इतना खूबसूरत लगता कि सामने वाले को सम्मोहन सा हो जाता  और ऐसा लगता जैसे वह उसे अपनी ओर खींच रहा हो। लेकिन जैसे ही कोई उसके पास जाता उसमें से अजीब अजीब आवाजें आने लगती और जो कोई भी अब तक अंदर गया था। वह कभी लौट कर वापस नहीं आया था। बस इसी वजह से गांव वालों में दहशत फैली हुई थी। कोई उसके पास  रात में तो क्या दिन में जाने की हिम्मत ही नहीं करता था। किसी को भी  उसकी पूरी कहानी पता नहीं थी। बस पता था तो सिर्फ इतना...

बहुत ही पुराने समय की बात है, जब किले पर एक महल बना था। वहाँ के बड़े-बड़े दरवाजे, सुंदर और कलात्मक सजावट देखकर लोगो को ऐसा लगता था ।कि यह किला किसी महान राजा की राजधानी हो सकता है।

परंतु यह दृश्य तो केवल बाहर से ही देखने के मिलता था, क्योंकि जैसे ही कोई व्यक्ति किले के अंदर कदम रखता, तो वह अद्भुत और डरावनी घटनाओं का शिकार हो जाता।

आज पूरे गांव में एक अजीब सा माहौल बन गया था। बदलते मौसम के साथ वहाँ की धूप और छाया दोनों में ही डर का माहौल फ़ैल गया था। लोगों की आँखों में सिर्फ डर ही नजर आ रहा था।

रचित शहर से अपने मामा के यहां घूमने आया हुआ था । अब से पहले वह कभी गांव में नहीं आया था। क्योंकि वह पढ़ाई करने के लिए दूसरे शहर गया। वह पढ़ाई पूरी करके जब अपने घर आया तो मां से मिलने के लिए उसकी मम्मी ने उसे उसके मामा के गांव भेज दिया था। वह अपने मां के गांव आ रहा था कि उसने रास्ते में जब वह किला देखा तो वह भी उसकी खूबसूरती का कायल हो गया।

और जैसे ही उसने अपने मामा के लड़के अनुराग से उस किले के बारे में पूछा तो वह घबरा गया और बोला तो उसके लिए के बारे में क्यों पूछ रहे हो।

तब रचित ने कहा...

" यार जब मैं वहां उस रास्ते से आया तो, मैं दूर से ही उस किले को देख कर उसकी खूबसूरती का दीवाना हो गया हूं । कितना खूबसूरत किला है। मैं तो आज इस गांव में पहली बार आया हूं । लेकिन तुम तो यही रहते हो कभी ना कभी तो उसके अंदर गए ही होंगे?"  उसकी बात सुनकर अनुराग बोला.....

" तुम उस किले के अंदर की बात कर रहे हो। उसके अंदर जाना तो दूर की बात । कोई भी उसके आसपास ही नहीं जाना चाहता ।"

लेकिन रचित को तो यह सब अफवाहें लगी। भला आज के जमाने में भी कोई भूत होते हैं । वह इस रहस्य का पता लगाना चाहता था। कि वहां क्या सच में भूत है। या बस लोगों का वहम है। जब यह बात उसने अनुराग से कहीं तो अनुराग ने पहले तो घबरा कर इंकार कर दिया। लेकिन फिर वह भी उसके साथ शामिल हो गया। क्योंकि यह बात गांव के युवाओं को आश्चर्य में डालती थी, की आखिर रात के समय गांव वाले उस किले के पास भी नहीं जाते। वे लोग भी इस रहस्य का पता लगाना चाहते थे ,

जारी है...